पलामू, सैकत चटर्जी: झारखंड की राजधानी रांची में राज्य के लॉ एंड ऑर्डर को लेकर शुक्रवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डीजीपी अजय कुमार सिंह पर नाराजगी जतायी थी. उन्होंने स्पष्ट कहा था कि खुली छूट देने के बाद भी राज्य में अपराध पर नियंत्रण क्यों नहीं हो पा रहा है? पुलिस अपनी कार्यशैली सुधारे. उन्होंने क्राइम कंट्रोल के लिए 15 दिनों की मोहलत दी है. सीएम के साथ समीक्षा बैठक के बाद डीजीपी रेस हो गए हैं. इनके निर्देश पर सभी जिले में अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस तैयारी में जुट गयी है. पलामू प्रमंडल के तीनों जिले पलामू, लातेहार व गढ़वा में पुलिस अपराध नियंत्रण को लेकर कमर कस रही है. खुद डीआईजी इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. पलामू के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने तीनों जिलों के एसपी को जल्द अपराधियों की अलग-अलग सूची तैयार करने का निर्देश दिया है. क्राइम कंट्रोल को लेकर पुलिस तड़ीपार करने और सीसीए लगाने की तैयारी कर रही है. डीआईजी ने संकेत दिए हैं कि अपराध नियंत्रण में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
हत्या, लूट व आर्म्स एक्ट के उल्लंघन करने वालों पर खास नजर
वैसे तो पलामू प्रमंडल में किसी भी तरह के अपराधियों पर अब कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की गई है, पर हत्या, लूट व आर्म्स एक्ट के उल्लंघन करने वालों पर पुलिस की खास नजर रहेगी. इन खास अपराधियों के लिए पुलिस भी स्पेशल प्लानिंग कर रही है.
तड़ीपार करने और सीसीए लगाने की तैयारी
पलामू के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने तीनों जिलों के एसपी को जल्द अपराधियों की अलग-अलग सूची तैयार करने का निर्देश दिया है. इस सूची में अपराध के किस्म का भी जिक्र होगा. इसी के आधार पर इन अपराधियों को तड़ीपार करने या सीसीए लगाने की तैयारी की जा रही है. तीनों जिले के पुलिस के आला अधिकारियों के साथ इस संबंध में एक बैठक भी की जाएगी.
Also Read: झारखंड: बहला-फुसलाकर सात साल की मासूम बच्ची से हैवानियत, पुलिस ने अधेड़ शख्स को भेजा जेल
अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस गंभीर
डीआईजी श्री लकड़ा ने बताया कि ये कोई एक दो-दिन का काम नहीं है या किसी खास कारण से भी ऐसा नहीं किया जा रहा है. अपराध नियंत्रण पुलिस का रूटीन वर्क है. उसी के तहत अपराध नियंत्रण के लिए कुछ खास वर्क आउट किया जा रहा है. पुलिस अपराध और आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हमेशा ही पूरी तरह से गंभीर रही है.
Also Read: Explainer: झारखंड की 30 हजार से अधिक महिलाओं की कैसे बदल गयी जिंदगी? अब नहीं बेचतीं हड़िया-शराब
लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की खैर नहीं
डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने स्पष्ट किया है कि पुलिस का काम टीम वर्क पर निर्भर करता है. टीम की कोई कड़ी अगर आशा के अनुरूप काम नहीं करती है तो पूरा कार्य प्रभावित होता है. इसलिए अपराध नियंत्रण से जुड़े सभी पुलिस अधकारियों पर भी खास नजर रखी जायेगी, जो भी इसमें फीट नहीं हैं उन पर भी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. इसे लेकर भी तीनों जिले के एसपी को दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
थाना प्रभारियों को मिला टास्क
डीआईजी ने तीनों जिलों के एसपी से कहा है कि जल्द से जल्द थाना प्रभारियों को लंबित मामलों के निष्पादन करने, फरार आरोपी की गिरफ्तारी, वारंट-कुर्की जब्ती की कार्रवाई को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करवाने का काम शुरू कराएं. इसमें कोई भी अपराधी छूटने न पाए. सूत्रों के अनुसार पुलिस यह जानकारी भी जुटा रही है कि गंभीर अपराधियों के खिलाफ अभी तक क्या कार्रवाई हुई है और अगर आशा के अनुरूप कार्रवाई नहीं हो पायी है तो उसका कारण क्या है?
अब हर हफ्ते होगी मॉनिटरिंग
डीआईजी अब हर हफ्ते तीनों जिलों के सभी लंबित मामलों का रिव्यू करेंगे. इसके लिये कई प्वाइंट बनाए गए हैं. रिव्यू में आने से पहले सभी को इसकी तैयारी करके आना होगा. सूत्रों के अनुसार डीआईजी की रिव्यू रिपोर्ट राज्य के वरीय पुलिस अधिकारियों को भेजी जाएगी.