झारखंड: पेयजल मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को आचार संहिता उल्लंघन मामले में पलामू की विशेष अदालत ने किया बरी
एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश सतीश कुमार मुंडा की अदालत में आचार संहिता उल्लंघन मामले में झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर बुधवार को हाजिर हुए. कोर्ट ने इस मामले में उन्हें बरी कर दिया.
मेदिनीनगर (पलामू) प्रकाश रंजन: झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को आचार संहिता उल्लंघन मामले में पलामू की विशेष अदालत ने बुधवार को बरी कर दिया. आचार संहिता उल्लंघन मामले में मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर मेदिनीनगर सिविल कोर्ट पहुंचे. एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश सतीश कुमार मुंडा की अदालत ने मंत्री मिथिलेश ठाकुर को आचार संहिता उल्लंघन मामले में बरी कर दिया.
2014 में आचार संहिता उल्लंघन का है मामला
एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश सतीश कुमार मुंडा की अदालत में आचार संहिता उल्लंघन मामले में झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर बुधवार को हाजिर हुए. मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के साथ सरकारी अधिवक्ता गढ़वा के परेश कुमार तिवारी थे. अदालत ने इस मामले में उन्हें बरी कर दिया.
बूथ में प्रवेश करने व दुर्व्यवहार का था आरोप
ये मामला विधानसभा चुनाव 2014 का है. गढ़वा के मेराल प्रखंड के चामा बूथ पर विधानसभा की वोटिंग चल रही थी. इस बीच मंत्री पर आरोप था कि वोटरों को लुभाने के लिए अनधिकृत रूप से वे कार्य कर रहे थे. बूथ के अंदर प्रवेश करने और दुर्व्यवहार करने का मामला मेराल के अंचलाधिकारी मेराल ने दर्ज करवाया था.
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15 गवाहों की हुई थी गवाही
इस मामले में न्यायालय के द्वारा 15 गवाहों की गवाही ली गई थी, परंतु जिरह के दौरान आरोप को साबित करने विफल रहे. आरोप गवाही में साबित नहीं करने पर न्यायालय द्वारा मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को बरी करने का आदेश पारित किया गया.