रैयत को नहीं हुआ मुआवजे का भुगतान
प्रखंड क्षेत्र के कजरी गांव का प्लॉट नंबर 1553, 1555,1562, 1556, 1561 व 1559 खाता संख्या 136 कुल रकबा 55 डिसिमल जमीन का मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है.
पड़वा. प्रखंड क्षेत्र के कजरी गांव का प्लॉट नंबर 1553, 1555,1562, 1556, 1561 व 1559 खाता संख्या 136 कुल रकबा 55 डिसिमल जमीन का मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है. गाड़ीखास से पाटन मोड़ के बीच इस जमीन पर काम बाकी था. तब प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि जब तक भुगतान नहीं होगा, तब तक छूटे कार्य नहीं होंगे. उक्त जानकारी गौरव सिंह उर्फ गौरी ने दी. उन्होंने बताया कि बुधवार को पड़वा अंचलाधिकारी अमित कुमार झा, पड़वा थाना प्रभारी चंद्रशेखर यादव ने पुलिस फोर्स के साथ स्थल पर पहुंच कर जबरन कार्य को शुरू करा दिया. बताया कि काम रोकने के लिए गये तो प्रशासन के लोग वहा से भगा दिया. कहा कि आप डीसी एलआर के पास जायें. जब सड़क निर्माण के लिए सर्वे किया जा रहा था उस समय सर्वे विभाग में 87 का केस चल रहा था. जिस कारण उक्त प्लॉट का जियो टैग नहीं हो सका. इस कारण रैयत को मुआवजा राशि का कोई नोटिस नहीं मिला. वर्तमान में सर्वे विभाग से पारसनाथ सिंह के नाम से खाता मिल गया. लेकिन मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हो सका. जिला से अंचल और अंचल से जिला में फाइल घूमते-घूमते तीन महीना बीत चुके, लेकिन रैयत को ना तो नोटिस मिला और ना ही मुआवजा. चुनाव के पूर्व भी तत्कालीन अंचलाधिकारी हलधर सेठी के समय में बिना मुआवजा राशि भुगतान किये ही कार्य कराने की कोशिश की गयी थी. तब रैयतों ने कार्य को रोक दिया था. तय हुआ था की बिना भुगतान किए कार्य नहीं किया जायेगा. इधर चुनाव संपन्न होते ही दर्जनों की संख्या में पुलिस की मौजूदगी कार्य किया जाने लगा. जिसके बाद रैयतों ने कार्य बंद कराने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन रैयतों को स्थल से यह कहते हुए भागा दिया गया की आप जिला के वरीय पदाधिकारी के पास जायें.अंचल अधिकारी अमित झा ने बताया की हाल सर्वे में प्लॉट जीएम लैंड है. रैयत को जमीन की रैयती मान्यता प्राप्त नहीं है. अंचल द्वारा रैयती मान्यता के लिए जिला प्रशासन को तीन महीने पहले फाइल भेजा गया है. बहुत दिनों से कार्य बाधित था, जिसे चालू कराया गया है.
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