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देश का संविधान व लोकतंत्र खतरे में, शेख भिखारी शहादत दिवस पर बोले पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी

पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. जागरूकता के अभाव में लोग सही जनप्रतिनिधि के पक्ष में मतदान नहीं करते. जाति, धर्म, दल को ध्यान में रखकर जनप्रतिनिधि का चुनाव करने के कारण ही लोकतंत्र कमजोर हो रहा है.

राष्ट्रीय मोमिन कांफ्रेंस, झारखंड प्रदेश कुम्हार समन्वय समिति एवं ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम समाज ने सोमवार को गांधी स्मृति भवन में शहीद शेख भिखारी का शहादत दिवस मनाया. मुख्य अतिथि बिहार के पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी ने कहा कि शेख भिखारी देश के महान स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के चंगुल से भारत को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में मुस्लिम समाज के लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभायी. लेकिन आज वे लोग गुमनाम हैं. भारत की एकता व अखंडता बनाये रखने के लिए सभी वर्ग के लोगों को सक्रिय भागीदारी निभाने की जरूरत है. पूर्व सांसद ने कहा कि वर्तमान में भारतीय संविधान व देश का लोकतंत्र खतरे में है. इससे पूर्व समारोह का उदघाटन राष्ट्रीय मोमिन कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद हुमायूं अंसारी ने किया. उन्होंने कहा कि अपने हक-अधिकार के लिए समाज के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है. मोमिनों की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक व राजनीतिक दशा में बदलाव लाने के लिए सरकार को गंभीरता दिखानी होगी.

पलामू में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मोमिन कॉन्फ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष मो सुलेमान अंसारी ने की. संचालन मो खलील अंसारी ने किया. समारोह में समाजसेवी ज्ञानचंद पांडेय, अख्तर जमा, अविनाश देव, विनोद कुमार, शमीम रिजवी, मो मुस्तकिम, नैय्यर अली, अमीन रहबर, रामनाथ चंद्रवंशी, दीपक कुमार, विश्वनाथ राम सहित कई लोगों ने विचार रखे. आयोजन में जिलाध्यक्ष वसीरुल हक अंसारी, मो अली, महबूब कादरी, जहांगीर अंसारी, रजी अहमद, डॉ यासीन अंसारी सहित अन्य सक्रिय थे.

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लोगों को जागरूक होने की जरूरत : केएन त्रिपाठी

विशिष्ट अतिथि राज्य के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. जागरूकता के अभाव में लोग सही जनप्रतिनिधि के पक्ष में मतदान नहीं करते. जाति, धर्म, दल को ध्यान में रखकर जनप्रतिनिधि का चुनाव करने के कारण ही लोकतंत्र कमजोर हो रहा है. साथ ही सांसद, विधायक जनता की समस्या दूर करने के प्रति गंभीर नहीं हैं. लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी और व्यक्ति को परखकर मतदान करना होगा.

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