Covid19 Effect : बिहार और झारखंड का पलामू बॉर्डर सील, ई-पास के बिना नहीं मिलेगा प्रवेश
Jharkhand News, Jharkhand Border Seal, Covid19 Effect, Palamu, Bihar-Jharkhand Border Seal, e-pass necessary to enter jharkhand: मेदिनीनगर : झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पलामू में बिहार और झारखंड की सीमा को सील कर दिया गया है. राज्य सरकार के निर्देश पर पलामू के उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने बिहार सीमा को सील करने के निर्देश दिये. इसके बाद शनिवार (11 जुलाई, 2020) को प्रशासनिक पदाधिकारियों ने बिहार से सटे पलामू जिला के हुसैनाबाद व हरिहरगंज से बिहार जाने वाली सड़क को सील कर दिया.
मेदिनीनगर : झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पलामू में बिहार और झारखंड की सीमा को सील कर दिया गया है. राज्य सरकार के निर्देश पर पलामू के उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने बिहार सीमा को सील करने के निर्देश दिये. इसके बाद शनिवार (11 जुलाई, 2020) को प्रशासनिक पदाधिकारियों ने बिहार से सटे पलामू जिला के हुसैनाबाद व हरिहरगंज से बिहार जाने वाली सड़क को सील कर दिया.
अब हुसैनाबाद व हरिहरगंज होते हुए बिहार जाने वाली सड़क पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. सरकार के निर्देश के बाद अब यदि कोई भी व्यक्ति बिहार से पलामू या पलामू के रास्ते झारखंड में प्रवेश करना चाहेगा, उसे इसके लिए ई-पास बनवाना होगा. ई-पास के बगैर अब बिहार के किसी भी वाहन को झारखंड की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा.
उपायुक्त डॉ अग्रहरि ने बताया कि वाहन से पलामू के रास्ते झारखंड आने के लिए सरकार ने ई-पास की व्यवस्था फिर से लागू कर दी है. विशेष परिस्थिति में ही ई-पास निर्गत होगा. यदि कोई व्यक्ति विशेष परिस्थिति में पलामू के रास्ते झारखंड आना चाहता है, तो उसे अपने वाहन का ई-पास बनवाना होगा. इच्छुक लोग epassjharkhand.nic.in पर जाकर अपना तथा अपने वाहन का पास बनवा सकते हैं.
उपायुक्त ने नजारत उपसमाहर्ता-सह-जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार सिंह को ई-पास निर्गत करने के लिए अधिकृत किया है. उपायुक्त ने बताया कि बिना पास के किसी भी व्यक्ति या वाहन को झारखंड राज्य में पलामू के रास्ते आने की अनुमति नहीं होगी.
उल्लेखनीय है कि 25 मार्च, 2020 से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में लॉकडाउन की घोषणा की थी, तो झारखंड सरकार ने भी इसे लागू किया था. इसके बाद राज्य की सीमाओं को सील कर दिया गया था. जरूरी कार्यों के लिए ही ई-पास जारी किये जा रहे थे.
बाद में केंद्र सरकार ने आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के अधिकार राज्य सरकारों को दिये. इसके बाद देश भर के लगभग सभी राज्यों ने अपने यहां चरणबद्ध तरीके से दुकानों को खोलना शुरू किया. झारखंड सरकार ने भी कई गतिविधियों को कुछ शर्तों के साथ छूट दी, लेकिन लोगों ने इसकी गंभीरता को नहीं समझा.
सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन शुरू हो गया और लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी. फलस्वरूप कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे और ऐसा लगता है कि सरकार को एक बार फिर संपूर्ण लॉकडाउन लगाने के बारे में सोचना होगा.
Posted By : Mithilesh Jha