प्रकृति की गोद में बसा चतरा का दासी पहाड़ बिखेर रहा सुंदरता की छटा, जानें क्या है इसकी खासियत
बच्चे, युवा, बुजुर्ग गुफा में घुस कर आनंद उठाते हैं. साथ ही इस गुफा के अंदर से होकर लोग पहाड़ पर आते जाते हैं. यहां नववर्ष पर पिकनिक मनाने के लिए दूसरे जिला के लोग पहुंचते हैं.
धर्मेंद्र कुमार, चतरा: चतरा के सिमरिया प्रखंड मुख्यालय से 18 किमी दूर प्रकृति की गोद में बसा दासी पहाड़ नैसर्गिक सुंदरता की छटा बिखेर रहा है. यह पहाड़ सैलनियों को आकर्षित कर रहा है. पहाड़ चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ है. इसका मनोरम दृश्य लोगों को लुभा रहा है. पहाड़ के ऊपर खूबसूरत चट्टाने हैं. जहां लोग घूमने के बाद आकर आराम करते है. पहाड़ के नीचे एक झरना है, जहां सैलानी नहाते हैं. झरना का पानी बहुत मीठा है, जिससे लोग पीकर प्यास बुझाते हैं. पहाड़ के नीचे से होकर एक नदी गुजरती है. इस पहाड़ी पर एक गुफा है.
बच्चे, युवा, बुजुर्ग गुफा में घुस कर आनंद उठाते हैं. साथ ही इस गुफा के अंदर से होकर लोग पहाड़ पर आते जाते हैं. यहां नववर्ष पर पिकनिक मनाने के लिए दूसरे जिला के लोग पहुंचते हैं. इस पहाड़ पर एक मंदिर है, जहां दासी मां की प्रतिमा के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित है. पहाड़ की ऊंचाई 845 मीटर है. मंदिर में जाने के लिए सीढ़ी बनी हुई है. यहां सावन माह में पूर्णिमा के दिन दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाता है.
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ऐसे पहुंचे दासी पहाड़ी
दासी पहाड़ पहुंचने के लिए सबसे पहले सिमरिया चौक पहुंचना होगा. यहां से मनातू 15 किमी पूरब में है, जबकि हजारीबाग से मनातू 35 किमी पश्चिमी दिशा में है. यहां से तीन किमी दूर दक्षिण की दिशा में दासी पहाड़ है. पहाड़ पर जाने के लिए कालीकरण सड़क है. वहीं टंडवा प्रखंड के मिश्रोल के हेसातु गांव होते छह किमी दूरी पर है. केरेडारी चौक से 15 किमी दूरी पर है.