रामनवमी मैदान की भूमि को लेकर उहापोह, पर्व नहीं मनाने का निर्णय
बैठक में प्रशासन की बातों से सहमत नहीं हुए पूजा समितियों के लोग
पांडू.
प्रखंड के कजरु कला स्थित रामनवमी मैदान में पिछले 18 वर्षों से रामनवमी पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है. लेकिन आठ माह पहले गांव के देवनारायण पांडेय द्वारा रैयती बताते हुए जमीन की जुताई कर अरहर लगा दी गयी है. इस कारण इस बार रामनवमी मनाने हेतु जगह को लेकर लोगों में उहापोह की स्थिति है. रामनवमी मैदान की वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं करने के कारण प्रशासन के प्रति भी लोगों में नाराजगी है. लोगों ने इस वर्ष रामनवमी नहीं मनाने का निर्णय लिया है. मामले को जब शांति समिति की बैठक में उठाया गया, तो बीडीओ सह सीओ रणबीर कुमार ने मौखिक रूप से रामनवमी मैदान को रैयती प्लॉट बताया. वहीं गुरुवार को कजरु कला के सीताराम नगर स्थित राम जानकी विवाह मंडप परिसर में थाना प्रभारी कुमार सौरभ की अध्यक्षता में बैठक हुई. जिसमें पांडू व विश्रामपुर पूर्वी क्षेत्र के लगभग 30 गांव के पूजा समिति के लोग उपस्थित थे. थाना प्रभारी ने बताया कि कजरु कला का रामनवमी मैदान देवनारायण पांडेय का है. उनकी सहमति से ही इस मैदान में कार्यक्रम किया जा सकता है. इस पर आक्रोशित समिति के लोगों ने कहा कि जमीन का कोई कागजात उपलब्ध नहीं हो पाया, तो कैसे किसी व्यक्ति की निजी जमीन हो सकती है. इस पर थाना प्रभारी ने स्थल बदलकर रामनवमी पूजा महोत्सव मनाने को कहा. प्रशासन की ओर से भरपूर मदद करने की बात कही. पर लोगों ने नाराजगी जताते हुए पूजा नहीं करने व प्रशासन से किसी भी तरह की मदद नहीं लेने का निर्णय लिया.कथित भूमि मालिक ने नहीं दिखाया कागजात
लोगों ने कहा कि पूजा समिति के लोगों ने उक्त जमीन का कागजात दिखाने का आग्रह देवनारायण पांडेय से किया था. लेकिन उन्होंने अभी तक कोई दस्तावेज पूजा समिति को नहीं दिखाया. इसे लेकर समिति के लोगों ने छह माह पूर्व उपायुक्त पलामू, एलआरडीसी, एसडीओ, पांडू बीडीओ सह सीओ सहित कई संबंधित अधिकारी को आवेदन देकर उक्त जमीन का दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की थी. सूचना के अधिकार के तहत भी उक्त जमीन से संबंधित जानकारी मांगी गयी थी. लेकिन अभी तक कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसे में कैसे स्पष्ट होगा कि रामनवमी मैदान रैयती प्लॉट है. रामनवमी पूजा महासमिति के अध्यक्ष धर्मदेव सिंह यादव ने कहा कि साजिश के तहत उक्त मैदान को किसी व्यक्ति का निजी प्लॉट बताया जा रहा है. प्रशासन इस मामले में गुमराह कर रहा है.