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शहर में धड़ल्ले से हो रही डीप बोरिंग

नगर निगम ने जनवरी से 22 मई तक 88 लोगों को ही दी है सामान्य बोरिंग की अनुमति

मेदिनीनगर.

पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर गंभीर जल संकट से जूझ रहा है. लाइफ लाइन कोयल नदी सूख जाने के कारण भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस कारण सरकारी व निजी स्तर पर कराये गये अधिकांश बोरिंग सूख गये हैं. आर्थिक रूप से संपन्न लोग बोरिंग सूख जाने के बाद नये सिरे से बोरिंग करा रहे हैं. प्रावधान के मुताबिक शहरी क्षेत्र में बोरिंग कराने के लिए नगर निकाय से अनुमति लेना आवश्यक है. नगर निगम झारखंड नगर पालिका एक्ट का हवाला देते हुए शहरवासियों को सामान्य बोरिंग कराने का अनुमति दे रहा है. इसके लिए आवेदन के साथ तीन हजार रुपये शुल्क निगम कार्यालय में जमा करना पड़ता है. वहीं निगम से निबंधित बोरिंग मशीन से ही बोरिंग कराने की अनुमति है. जानकारी के मुताबिक निगम कार्यालय में अब तक 17 बोरिंग मशीन वाहन का निबंधन हुआ है. लेकिन निगम से बगैर निबंधित बोरिंग मशीन वाहन से भी बोरिंग करायी जा रही है. लोग निगम से अनुमति लेने के बजाय चोरी-छिपे बोरिंग करा रहे है. निगम प्रशासन ने जनवरी से लेकर 22 मई तक 88 लोगों को सामान्य बोरिंग कराने की अनुमति दी है. जबकि निगम क्षेत्र के सभी 35 वार्डों में नियम की अवहेलना करते हुए धड़ल्ले से बोरिंग करायी जा रही है. जानकारी के मुताबिक शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक जगहों पर बोरिंग हो रही है, लेकिन निगम प्रशासन मौन धारण किये हुए है. लोगों की मानें तो 400 से 600 फीट तक बोरिंग करायी जा रही है. जबकि निगम प्रशासन ने सामान्य रूप से 250 फीट तक बोरिंग कराने का मानक रखा है. कई जगहों पर आठ इंच की 700 से 800 फीट तक डीप बोरिंग कराये जाने की भी सूचना है. खासकर शहर के ड्राइजोन बैंक कॉलोनी, निमियां, बैरिया, सुदना, पंचवटी नगर, शाहपुर में धड़ल्ले से बोरिंग करायी जा रही है. वार्ड दो के पंचवटी नगर व वार्ड 29 के आदर्श नगर में घर के बाहर सड़क के किनारे बोरिंग करायी गयी है. स्थानीय लोगों ने अवैध तरीके से बोरिंग कराने की सूचना निगम प्रशासन को दी. लेकिन निगम की टीम जांच के लिए भी नहीं पहुंची. लोगों का कहना है कि अवैध तरीके से बोरिंग कराने के पीछे निगम कर्मियों की संलिप्तता है. सूचना देने के बाद भी निगम कर्मी कार्रवाई नहीं करते हैं और बोरिंग कराने वालों से मोटी रकम वसूलते हैं. लोग धड़ल्ले से चार इंच की जगर छह एवं आठ इंच की बोरिंग करा रहे हैं अौर निगम प्रशासन मौन धारण किये हुए है.

अवैध तरीके से बोरिंग कराने पर जुर्माना का प्रावधान

झारखंड नगर पालिका अधिनियम के मुताबिक शहरी क्षेत्र में नगर निकाय से अनुमति के बिना बोरिंग कराना अवैध है. बिना अनुमति बोरिंग कराने पर तीन हजार शुल्क व तीन हजार जुर्माना जबकि बगैर निबंधन के बोरिंग मशीन वाहन से बोरिंग कराने पर निबंधन शुल्क 40 हजार व 40 हजार जुर्माना का प्रावधान है.

मानक से अधिक बोरिंग कराने पर कार्रवाई : नगर आयुक्त

इस संबंध में नगर आयुक्त मोहम्मद जावेद हुसैन ने कहा कि झारखंड नगरपालिका एक्ट के मुताबिक नगर निकाय से अनुमति लेने के बाद ही बोरिंग कराना है. इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. मानक से अधिक बोरिंग कराना गैर कानूनी है. इस मामले में भी कार्रवाई की जायेगी. शहरी क्षेत्र में अनुमति के बिना एवं मानक के विरुद्ध बोरिंग कराये जाने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी. अभी तक इस मामले में उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है. वैसे निगम की टीम सक्रिय है. यदि कहीं मानक से अधिक बोरिंग करायी जा रही है, तो इसकी सूचना दें, विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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