सड़क निर्माण के दौरान निकाले गये पत्थर का वैधानिक शुल्क जमा करें
जिला खनन पदाधिकारी ने स्थल का निरीक्षण कर एनएचएआइ के परियोजना पदाधिकारी को लिखा पत्र
मेदिनीनगर. एनएच-98 फोरलेन सड़क निर्माण में लगी कंपनी द्वारा छतरपुर के सुल्तानी घाटी सहित अन्य जगहों से पत्थर निकाला गया था. ये लाखों मिट्रिक टन पत्थर गायब पाये गये थे. इस मामले को प्रभात खबर ने प्रमुखता से उठाया था. खबर प्रकाशित होने के बाद जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार ने मंगलवार को स्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने एनएचएआइ के परियोजना पदाधिकारी को पत्र भेजा है. इसके माध्यम से पलामू जिले में कराये जा रहे सड़क निर्माण कार्य के दौरान ब्लास्टिंग से निकाले गये पत्थर, मोरम, बालू व अन्य प्राकृतिक संपदा का वैधानिक शुल्क भुगतान करने को कहा है. पलामू डीसी शशिरंजन के निर्देश के आलोक में डीएमओ ने यह पत्र भेजा है. मालूम हो कि एनएचएआइ द्वारा जिले में एनएच-98 व एनएच-39 पर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन इसमें उपयोग किये जाने वाले पत्थर, मोरम, बालू, ईंट आदि के वैधानिक शुल्क का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. पथ निर्माण कार्य में लगे संवेदक द्वारा ब्लास्टिंग कर पत्थर निकाला गया है, लेकिन इसकी जानकारी जिला खनन कार्यालय को नहीं दी गयी. डीएमओ ने बंद कराया माइंस का खनन कार्य छतरपुर. पलामू डीसी शशिरंजन के निर्देश पर जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार ने मंगलवार को छतरपुर में संचालित विभिन्न क्रशरों की जांच की. इस दौरान अनुमोदित खनन योजना का अनुपालन नहीं करने एवं खनन नियमों का उल्लंघन करने के मामले में एक माइंस का खनन कार्य बंद करा दिया. जानकारी के मुताबिक डीएमओ ने बसडीहा गांव में संचालित विंध्यवासिनी स्टोन माइंस का खनन कार्य बंद करा दिया है. जांच के दौरान डीएमअो ने पाया कि अनुमोदित खनन योजना के तहत 490 पौधा लगाया जाना था. लेकिन माइंस संचालक ने इसका अनुपालन नहीं किया. वहीं खनन योजना के तहत उत्खनित क्षेत्र में ओवर वर्डन की भरावट की जानी थी. लेकिन माइंस संचालक द्वारा इस नियम का पालन भी नही किया गया. संचालक डीजीएमएस के अनुमति के बिना ही माइंस में कार्य करा रहा था.
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