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पलामू में देवकी नंदन ठाकुर बोले- धर्म की रक्षा करने वालों की स्वयं भगवान श्री कष्ण करते हैं रक्षा

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सिर्फ बोलने से कोई हिंदू नहीं कहलाता है. ये चीजें आपके व्यवहार में झलकना चाहिए. क्योंकि धर्म की रक्षा करना हर एक सनातनियों का कर्तव्य है.

पलामू में बुधवार को बाइपास हाउसिंग कॉलोनी में परशुराम युवा वाहिनी के नेतृत्व में श्रीमद् भागवत पुराण कथा की शुरूआत हुई. कार्यक्रम की शुरुआत देवकीनंदन ठाकुर ने भगवान गणेश व श्रीमद् भागवत गीता का पूजन कर किया. इसके बाद आरती भजन हुआ. इस मौके पर श्रीमद् भागवत पुराण कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि धर्म की रक्षा करना हर एक सनातनियों का कर्तव्य है.

धर्म की रक्षा करने वालों की रक्षा स्वयं भगवान श्रीकृष्ण करते हैं. इसलिए पत्रकार, कलाकार व राजनीतिज्ञ सभी का कर्तव्य है कि वे धर्म की रक्षा करें. श्री देवकीनंदन ने श्रीमद् भागवत पुराण के प्रथम श्लोक सच्चिदानंद रुपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय नुमः…का वाचन करते हुए कहा कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण को हम नमस्कार करते हैं जो इस जगत की उत्पत्ति, स्थिति और विनाश तथा आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक तीनों प्रकार के तापों का नाश करने वाले हैं.

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उन्होने कहा कि व्यक्ति का आनंद, ज्ञान व सत्ता सीमित है, लेकिन ठाकुर जी का असीमित. इसलिए मनुष्य अपने कल्याण के लिए श्रीमद् भागवत पुराण की कथा सुने. सद्गति मिलेगी. सुखी जीवन जीने के लिए ठाकुर जी के दल में आना पड़ेगा. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सिर्फ बोलने से कोई हिंदू नहीं कहलाता है. ये चीजें आपके व्यवहार में झलकना चाहिए. क्योंकि धर्म की रक्षा करना हर एक सनातनियों का कर्तव्य है.

श्री ठाकुर ने वहां पर उपस्थित श्रद्धालुओं से पूछा कि क्या आप सभी सच्चे हिंदू हैं. लेकिन न तो आपके माथे पर तिलक है और ना शिखा. और न ही हाथों में कलावा नहीं. उन्होंने सभी माता पिता से अह्वान किया कि वे अपने बच्चे को गुड-मॉर्निंग, गुड -नाइट नहीं सिखलायें. इसके बजाय अगर वे पुत्रियों को हाथ जोड़कर नमस्कार करना और पुत्रों को साष्टांग दंडवत करना सिखलाएं तो ज्यादा बेहतर होगा.

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सभी का यह मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वे भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलायें. सनातन संस्कृति के प्रति आदर का भाव रखें. उन्होंने आगे कहा कि अगर सत्कर्म की पूंजी कमायेगे तो बैकुंठ धाम को प्राप्त करेंगे. इसलिए आने वाली पिढ़ी संस्कारवान बनने के लिए प्रयास करें. देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि कथा सुनने का महात्म्य अलौकिक है. जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए मनुष्य को मन के मुताबिक जीवन जीना नहीं चाहिए बल्कि, शास्त्र-सम्मत जीवन जीना चाहिए.

इससे पहले आशीष भारद्वाज ने देवकीनंदन ठाकुर के कार्यों से लोगों को रू ब रू कराया. वहीं, यज्ञ के संरक्षक अर्जुन पांडेय व उषा पांडेय ने देवकीनंदन ठाकुर का स्वागत किया. अर्जुन पांडेय की पुत्रवधू संजना पांडेय ने कहा कि देवकीनंदन ठाकुर जी ने पलामू की धरती को पावन किया है. उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा करने व युवा पीढ़ी को धर्म व संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए देवकीनंदन ठाकुर जी के प्रति आभार प्रकट किया. कार्यक्रम में देवकीनंदन ठाकुर को देखने और सुनने के लिए महिलाओं की जबरदस्त भीड़ थी. इस दौरान श्रद्धालुओं ने राधे-राधे का जमकर जयकारा लगाया.

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