ब्लड बैंक के लाइसेंस नवीनीकरण के लिए निदेशालय ने रखी छह शर्त
30 सितंबर 2020 को ही फेल हो चुका है लाइसेंस
मेदिनीनगर.
मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हो सका है. इसके लिए राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ने छह बिंदुओं पर जवाब मांगा है. पूर्व में लाइसेंस फेल हो जाने पर नेशनल मेडिकल काउंसिल (एमएनसी) 12 लाख जुर्माना वसूल चुका है. इसके बाद भी लाइसेंस नवीनीकरण का मामला लटका हुआ है. राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय का कहना है कि नियमानुसार ब्लड बैंक का संचालन नहीं किया जा रहा है. ब्लड बैंक का लाइसेंस 30 सितंबर 2020 को ही फेल कर चुका है. जिसके बाद लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ है. जबकि छह हजार रुपये लाइसेंस फीस व डेढ़ हजार रुपये इंस्पेक्शन फीस के नाम पर चालान से सात सितंबर 2020 को जमा किया जा चुका है. निदेशालय तीन बार कर चुका है जांच : राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय व इस्ट जोन कोलकाता कार्यालय द्वारा 19 जनवरी 2021 को ब्लड बैंक की जांच में 19 तरह की त्रुटि पायी गयी थी. जिसे पूरा कर लिया गया. इसके बाद 26 अगस्त 2023 की जांच में तीन तरह की त्रुटि पायी गयी. तीसरी बार तीन अप्रैल 2024 को जांच में छह तरह की त्रुटि बतायी गयी है. उसका जवाब देने के लिए कहा गया है.एनएमसी वसूल चुका है जुर्माना :
नेशनल मेडिकल काउंसिल ब्लड बैंक में कमी को लेकर मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज से जुर्माना वसूल चुका है. मेडिकल कॉलेज द्वारा 31 मई 2024 को 12 लाख रुपये जुर्माना जमा किया गया. जिसमें से छह लाखसिर्फ ब्लड बैंक की कमी को लेकर था.
लाइसेंस नवीनीकरण के लिए रखी ये शर्त
-काउंसलिंग के लिए कमरा अलग हो.-मास्टर रिकॉर्ड प्रिंटेड होना चाहिए.
-एलिजा मशीन संचालन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर की प्रिंटेड डिटेल-अनएक्सपेक्टेड एंटी बॉडी की जांच के लिए अलग से रजिस्टर-उपयोग किये गये ब्लड बैग के निष्पादन के तरीके की पूरी जानकारी- आरएच नेगेटिव ब्लड के कंफर्मेशन के लिए अलग से रजिस्टर
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है