पलामू में गंदे पानी की हो रही है सप्लाई, फिल्ट्रेशन प्लांट में फिटकिरी, चूना व ब्लीचिंग पाउडर का अभाव
बताया जाता है कि फिटकिरी, चूना व ब्लीचिंग पाउडर खत्म हो गया है. उक्त सामग्री स्टोर में नहीं है. जलापूर्ति व्यवस्था को संचालित करने की जिम्मेवारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने एजेंसी को दी है
जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के शहरी क्षेत्र के अधिकांश मोहल्ले में शहरी जलापूर्ति योजना के माध्यम से पिछले कई दिनों से गंदे जल की आपूर्ति की जा रही है. हालांकि वेल वाटिका स्थित पंपूकल परिसर में फिल्ट्रेशन प्लांट भी लगा है. कोयल नदी से पानी का उठाव कर उसे फिल्टर करने के बाद ही आपूर्ति करने का प्रावधान है. फिटकिरी, चूना व ब्लीचिंग पाउडर के जरिये पानी को फिल्टर करना है. लेकिन फिल्ट्रेशन प्लांट में पानी को फिल्टर करने में उपयोग होने वाली सामग्री का अभाव है.
बताया जाता है कि फिटकिरी, चूना व ब्लीचिंग पाउडर खत्म हो गया है. उक्त सामग्री स्टोर में नहीं है. जलापूर्ति व्यवस्था को संचालित करने की जिम्मेवारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने एजेंसी को दी है. बताया जाता है कि एजेंसी द्वारा उक्त सामग्री का पर्याप्त स्टॉक नहीं रखा जाता है. यही कारण है कि बगैर फिल्टर किये ही जलापूर्ति की जा रही है. इस तरह की व्यवस्था से शहरवासी परेशान हैं.
जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार की मांग
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष परशुराम ओझा ने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर, पलामू डीसी व डीडीसी सह नगर आयुक्त को शहरी जलापूर्ति व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया है. बताया है कि बिना फिल्टर किये ही पानी की आपूर्ति होने के कारण शहरवासी परेशान हैं. गंदे जल के सेवन की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के प्रति विभाग द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जाता है. उन्होंने व्यवस्था में सुधार की मांग की है.
क्या कहते हैं पीएचइडी के कनीय अभियंता
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता ददन राम ने बताया कि शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विभाग गंभीर है. इस दिशा में सक्रियता के साथ काम हो रहा है. पानी फिल्टर करने के बाद ही आपूर्ति की जाती है. दो दिन पहले फिटकिरी व चूना खत्म हो गया था, जिसे मंगाया गया है. कोयल नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण गंदे पानी का उठाव हो रहा है. मेटेरियल का उपयोग करने के बाद भी पानी पूरी तरह साफ नहीं हो पाता.