दिव्यांगता अभिशाप नहीं, बल्कि एक चुनौती

दिव्यांगजनों के लिए सशक्तीकरण सह जागरूकता शिविर में पीडीजे ने कहा

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2024 9:44 PM

मेदिनीनगर. जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा रविवार को सदर प्रखंड में दिव्यांगजनों के लिए सशक्तीकरण सह जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर का उदघाटन दिव्यांगजनों से कराया गया. मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष नीरज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं, बल्कि जीवन की एक चुनौती है. जिस प्रकार हर मानव अपने जीवन को चलाने के लिए संघर्ष करता है. उसी प्रकार दिव्यांगता को भी एक चुनौती मान कर काम करते रहने से ही वह व्यक्ति सफल होता है. उन्होंने कहा कि सफलता की कुंजी संघर्ष है. इसलिए हर एक कठिन काम को लक्ष्य के साथ पूरा करने के लिए व्यक्ति को हमेशा आगे रहना चाहिए. ऐसा करने से सफलता अवश्य मिलती है. साथ ही सामाजिक कार्य भी पूरा होता है. पीडीजे ने कहा कि दिव्यांगों के प्रति समाज के दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है. तभी उन्हें सामान्य जनों की तरह विकास की मुख्य धारा में जुड़कर समाज में अग्रणी भूमिका में लाया जा सकता है. ऐसा करने से एक लक्ष्य के साथ काम पूरा होगा और सामाजिक समरसता बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि झालसा व डालसा का प्रयास सशक्तीकरण शिविर के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाना है. विशेष अभियान में 2167 दिव्यांग बच्चे चिह्नित : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अर्पित श्रीवास्तव ने कहा कि डालसा द्वारा दिव्यांग बच्चों को चिह्नित करने के लिए 45 दिनों का विशेष अभियान चलाया गया है. जिसके तहत जिले में पीएलवी के माध्यम से 2167 बच्चों को चिह्नित किया गया है. 1678 बच्चों को पेंशन योजना का लाभ दिया गया है. शेष बच्चों को भी पेंशन योजना से लाभान्वित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि डालसा का प्रयास समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कर लोगों की समस्याओं का समाधान करना है. दिव्यांगजनों के लिए संचालित है कई योजनाएं : लीगल एड डिफेंस काउंसिल के डिप्टी चीफ संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में दिव्यांग व्यक्ति को हर जगह परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दिव्यांग व्यक्ति की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा योजनाएं चलायी जा रही है. इसका लाभ लेने के लिए दिव्यांग प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि दिव्यांग प्रमाण पत्र सरकार द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांग जनों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ आरक्षण प्रदान भी करती है. जिसमें सरकारी नौकरी, शिक्षा और ट्रेन में किसी भी सफर में छूट जैसी सुविधाएं शामिल है. सरकार ने दिव्यांग को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य दिव्यांगजन विकास निधि की शुरुआत की है. इस योजना के जरिये दिव्यांगजनों को 50 हजार से एक लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाता है. पीडीजे ने दिव्यांग बच्चों के साथ समय बिताया पीडीजे नीरज कुमार श्रीवास्तव ने दिव्यांग बच्चों के साथ समय बिताया. उनसे बातचीत की. योजनाओं का लाभ दिया. शिविर में एक नन्हा दिव्यांग अपने मामा के साथ आया था. जो चलने से लाचार था. पीडीजे खुद उसके पास पहुंचे व सरकारी योजना का लाभ दिया. साथ ही उस बच्चे को स्पॉन्सरशिप का लाभ व किसी बेहतर आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने हेतु जिला समाज कल्याण पदाधिकारी व अंचलाधिकारी सदर को निर्देश दिया. शिविर में पीडीजे ने अन्य न्यायिक पदाधिकारियों के साथ दिव्यांग बच्चों को ऑन स्पॉट दिव्यांग सर्टिफिकेट, ट्राईसाइकिल, बैसाखी, पेंशन आदि के अलावे महिला स्वयं सहायता समूह को ऋण, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत स्वीकृति पत्र, दिव्यांग पेंशन स्वीकृति पत्र व छोटे बच्चों को पोलियो का ड्रॉप पिलाया. मौके पर डीजे अभिमन्यु कुमार, अखिलेश कुमार, राजकुमार मिश्रा, आयशा खान, स्वेता ढींगरा, शंकर महाराज, संजय सिंह यादव, सीजेएम आनंदा सिंह, एसीजेएम संदीप निशित बारा, निशिकांत, शिखा अग्रवाल, परमानंद उपाध्याय, कमल प्रकाश, रितु कुजूर, रोजलिना बारा, अमित आकाश सिन्हा, प्रज्ञेश निगम, रश्मि चंदेल, सदर अंचलाधिकारी अमरदीप सिंह बल्होत्रा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान, प्राधिकार के अधिवक्ता अमिताभ चंद सिंह, संतोष कुमार पांडेय, पीएलवी विनय प्रसाद, संजीव सिंह, मुखिया बिंको उरांव, दुलारी देवी, नाजिर सुनील कुमार, अधिवक्ता संजय कुमार पांडेय, उपाध्याय सिंह, सुदर्शन ठाकुर के अलावे काफी संख्या में महिला-पुरुष व बच्चे उपस्थित थे.

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