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हक अधिकार के लिए दिव्यांग कर रहे हैं संघर्ष

केंद्र व राज्य सरकार दिव्यांगों के हितों की रक्षा के लिए योजना संचालित की है

प्रोत्साहन व सुविधा के अभाव में कुंठित हो रही है दिव्यांगों की प्रतिभा प्रतिनिधि : मेदिनीनगर. केंद्र व राज्य सरकार दिव्यांगों के हितों की रक्षा के लिए योजना संचालित की है. लेकिन उसका पर्याप्त लाभ पलामू के दिव्यांगों को नहीं मिल पा रहा है. जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के दिव्यांगों की स्थिति काफी बदहाल है. शारीरिक व मानसिक रूप से नि:शक्त होने के साथ-साथ दिव्यांग आर्थिक रूप से भी काफी कमजोर हैं. सरकार के द्वारा दिव्यांगों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है. लेकिन उस राशि से उनका गुजारा नहीं हो पा रहा है. स्थिति में बदलाव एवं अपने हक अधिकार के लिए दिव्यांगों को संघर्ष करना पड़ रहा है. दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन व सरकार के द्वारा अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया. जिले में दिव्यांगों के लिए एक भी आवासीय विद्यालय नहीं है. जो व्यवस्था है उसमें किसी तरह कुछ दिव्यांग बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन उसका स्तर भी इस योग्य नहीं है कि वे किसी प्रतियोगिता में बेहतर कर सके. यदि दिव्यांगों को सरकार व प्रशासन के द्वारा संसाधन मुहैया कराया जाये तो अपने जीवन में बेहतर कर सकते हैं. प्रतिभा के बल पर कई दिव्यांगों ने मुकाम हासिल की फोटो 3 डालपीएच- 12,13,14,15,16 पलामू जिले में कई ऐसे दिव्यांग हैं, जो अपनी शारीरिक व मानसिक दिव्यांगता को झेलते हुए बेहतर करने का प्रयास किया है. आवश्यक संसाधन व सुविधा के अभाव में भी ऐसे दिव्यांग युवक-युवती अपनी प्रतिभा के बल पर अपना भविष्य संवारा है. इनसे जिले के अन्य दिव्यांगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए. प्रतिभावान दिव्यांगों का कहना है कि यदि सरकार व प्रशासन आवश्यक संसाधन व सुविधा उपलब्ध कराये तो जिले के कई दिव्यांगों की प्रतिभा निखरेगी और उनका भविष्य संवरेगा. जिले के नीलांबर- पीतांबरपुर प्रखंड के पचमो गांव के संजीव तिवारी आंख से 90 प्रतिशत दिव्यांग है. लेकिन उनकी विद्वता में कोई कमी नहीं आयी है. उन्होंने इतिहास से एमए करने के बाद सतबरवा में टीचर ट्रेनिंग किया.रेलवे ग्रुप डी के टेक्नीशियन के पद पर मई 2012 में नियुक्त हुयी थी. शिक्षक की नियुक्ति प्रतियोगिता में उत्तीर्ण होने के बाद 29 दिसंबर 2015 को बरवाडीह में उनकी पदस्थापना हुई. फिलहाल वे सदर प्रखंड के चियांकी स्थित स्तरोन्नत बालिका उवि में पदस्थापित है. उन्होंने कहा कि दिव्यांगता विकास के मार्ग में बाधक नहीं है. शहरी क्षेत्र के नावाटोली के योगेश चौबे पैर से 50 प्रतिशत दिव्यांग है. उन्होंने एमएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद बीएड किया.वर्ष 2011 से 2023 तक योध सिंह नामधारी कालेज में शिक्षक के पद पर रहे. वर्ष 2024 में प्लस टू विद्यालय के शिक्षक पद पर नियुक्ति हुई. फिलहाल वे आरके प्लस टू सूरत उवि लोहडा में कार्यरत हैं. इसी तरह आकांक्षा कुमारी ने अपनी प्रतिभा के बल पर शिक्षक की नौकरी हासिल की. फिलहाल आरके प्लस टू गिरिवर हाई स्कूल में पदस्थापित हैं. सुदूरवर्ती इलाका पांकी प्रखंड क्षेत्र के गोगो गांव की चंचला कुमारी दोनों पैर से 90 प्रतिशत दिव्यांग है. इन्होंने हिम्मत नही हारी और शिक्षा को अपने जीवन का आधार बनाया. एमए व बीएड की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए प्रयासरत रही. फिलहाल वह आरके प्लस टू महात्मा गांधी उवि पोलपोल में पीजीटी पद पर कार्यरत है. उनका कहना है कि जीवन में कुछ कर गुजरने का हौसला रखना चाहिए. इंद्रेश प्रजापति चैनपुर थाना क्षेत्र के ओड़नार गांव के है. एमएसी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सरकारी नौकरी हासिल करने में सफल रहे. फिलहाल वह जिला परिषद कार्यालय में नाजिर के पद पर कार्यरत है. अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर टाउन हॉल में कार्यक्रम का आयोजन प्राथमिकता के आधार पर दूर होगी दिव्यांगों की समस्या : एसडीओ फोटो 3 डालपीएच- 17 प्रतिनिधि, मेदिनीनगर जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग के द्वारा मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया गया. इस अवसर पर शहर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति नगर भवन में कार्यक्रम हुआ. मुख्य अतिथि सदर एसडीओ सुलोचना मीना ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया. उन्होंने दिव्यांगों का हौसला बढ़ाया. कहा कि दिव्यांग अपने आप को कमजोर न समझें. अपने हौसला को बुलंद रखे और दैनिक कार्यों के निष्पादन के साथ-साथ जीविकोपार्जन के लिए सार्थक प्रयास करें. दिव्यांग समाज के अभिन्न अंग है. इसलिए समाज के लोग भी दिव्यांगों के प्रति अपनी जवाबदेही समझते हैं. सरकार के द्वारा दिव्यांगों के हितों की रक्षा के लिए कई तरह की कल्याणकारी योजना चलायी गयी है. जिसका लाभ जरूरतमंदों को देने का प्रयास किया जा रहा है. दिव्यांगों की जो समस्या है उसे प्राथमिकता के आधार पर जिला प्रशासन दूर करेगा. दिव्यांगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है. कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की जायेगी. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान ने दिव्यांगों के लिए सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी. कहा कि प्रशासन उनके हित में काम कर रहा है. जो परेशानियां है उसे भी दूर किया जायेगा.सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा.जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रतिनिधि अधिवक्ता अमिताभचंद्र सिंह, सुरेंद्र कुमार, पवन कुमार गुप्ता सहित कई लोगों ने विचार व्यक्त किया. इस अवसर पर प्रशासन के द्वारा दिव्यांगों के बीच एक दर्जन व्हील चेयर का वितरण किया गया.

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