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प्रोफेसर एससी मिश्र रचित कोयल की धारा पुस्तक पर परिचर्चा

शिक्षाविद् साहित्यकार प्रोफेसर एससी मिश्रा की लिखित पुस्तक कोयल की धारा पर विस्तार से चर्चा की गयी.

मेदिनीनगर. नगर निगम क्षेत्र के शाहपुर स्थित रेड रोज पब्लिक स्कूल परिसर में परिचर्चा हुई. इसका आयोजन हिंदी साहित्य भारती ने किया. इसकी अध्यक्षता श्री धर प्रसाद द्विवेदी ने की. संचालन कवि राकेश कुमार ने किया. शिक्षाविद् साहित्यकार प्रोफेसर एससी मिश्रा की लिखित पुस्तक कोयल की धारा पर विस्तार से चर्चा की गयी. श्रीधर प्रसाद द्विवेदी ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि रेडियो रूपक में केवल ध्वनि के माध्यम से संवाद, मनोभाव, वातावरण और दृश्य को चित्रित करना कठिन कार्य है. लेकिन साहित्यकार प्रोफेसर मिश्र ने इसमें सफलता हासिल की है. मुख्य अतिथि प्रेम भसीन ने पुस्तक-परिचर्चा कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए उपयोगी बताया. प्रोफेसर सुभाषचंद्र मिश्र ने कहा कि कोयल की धारा रूपक डालटनगंज आकाशवाणी से वर्ष 2002 में प्रसारित हुआ था. इसे पुस्तक का रूप देने में पुत्र प्रभात मिश्र सुमन और पौत्र मानस मिश्रा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. प्रसारित रूपक में श्रेया की भूमिका अदा करनेवाली अनुपमा तिवारी ने पुस्तक के कुछ संवाद प्रस्तुत कर 2002 की यादें ताजा कर दीं. परशुराम तिवारी ने कहा कि कोयल की धारा में नदियों के बहाने सम्पूर्ण जीवन दर्शन की चर्चा की गयी है. रामप्रवेश पंडित ने कोयल की धारा के शीर्षक गीत को सस्वर प्रस्तुत किया. वरिष्ठ साहित्यकार रविशंकर पांडेय ने पुस्तक को महाभारत के प्रसंगों से जोड़ा. परिचर्चा में उमेश कुमार पाठक रेणु, रीना प्रेम दुबे, वंदना श्रीवास्तव, एमजे अजहर, अमीन रहबर व अंजनी कुमार दुबे ने भी अपने विचार रखे. इसे सफल बनाने में संस्था के अध्यक्ष अनुज कुमार पाठक, रमेश कुमार सिंह, प्रवीण चंद्र मिश्रा, प्रियरंजन पाठक, प्रेम प्रकाश दुबे, धनंजय पाठक, बिमल कुमार ने सक्रिय भागीदारी निभायी.

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