पलामू के तरहसी की चार दवा दुकानों में ड्रग इंस्पेक्टर के छापे से हड़कंप, दुकानदारों के पास नहीं मिले लाइसेंस

सत्यम ड्रग स्टोर व संजय ड्रग स्टोर के मालिक दवा की खरीद-बिक्री से जुड़े कागजात नहीं दिखा पाए. बबलू फार्मा बंद मिला. उन्होंने बताया कि राज्य औषधि निदेशक रितु सहाय को शिकायत मिली थी कि तरहसी में बिना लाइसेंस के दवा दुकान संचालित हो रहे हैं.

By Mithilesh Jha | November 8, 2023 7:17 PM

झारखंड के पलामू जिले में ड्रग इंस्पेक्टर ने दुवा दुकानों में छापेमारी की, जिसकी वजह से हड़कंप मच गया. बुधवार (नौ नवंबर) को राज्य औषधि निरीक्षक रितु सहाय के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच टीम ने पलामू के तरहसी प्रखंड में चार दवा दुकानों की जांच की. टीम में रांची के औषधि निरीक्षक अवधेश उरांव, अमित कुमार व पलामू के औषधि निरीक्षक अमरेश कुमार शामिल थे. टीम द्वारा न्यू हरिओम मेडिकल स्टोर संजय ड्रग स्टोर, सत्यम ड्रग स्टोर व बबलू फार्मा दवा दुकानों में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में छापेमारी की गई. रांची के औषधि निरीक्षक अवधेश उरांव ने बताया कि सबसे पहले न्यू हरिओम मेडिकल स्टोर की जांच की गई. दवा दुकानदार से लाइसेंस व दवा की खरीद-बिक्री से जुड़े कागजात मांगे गए, लेकिन दुकानदार न कागजात दिखा पाए, न ही लाइसेंस.

खरीद-बिक्री के कागजात नहीं दिखा पाए दुकान मालिक

सत्यम ड्रग स्टोर व संजय ड्रग स्टोर के मालिक दवा की खरीद-बिक्री से जुड़े कागजात नहीं दिखा पाए. बबलू फार्मा बंद मिला. उन्होंने बताया कि राज्य औषधि निदेशक रितु सहाय को शिकायत मिली थी कि तरहसी में बिना लाइसेंस के दवा दुकान संचालित हो रहे हैं. साथ ही दुकानों में नकली दवा की बिक्री की जा रही है, जो जनहित के लिए घातक है. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में कई खामियां मिली है. संबंधित दुकानों को कागजात जमा करने के लिए समय दिया गया है. साथ ही कहा गया है कि अगर कागजात गलत मिला, तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

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कागजात जमा कराने के लिए दुकानदारों को मिला समय

उन्होंने कहा कि जिले के थोक दवा दुकानदारों द्वारा बिना लाइसेंस के संचालित खुदरा दवा दुकानों को दवा उपलब्ध कराया जाता है. जांच में पकड़े जाने के बाद वैसे थोक दवा विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. औषधि निरीक्षक ने बताया कि जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंप दिया गया है. सूत्रों के अनुसार, पलामू में नकली दवा का कारोबार काफी फल-फूल रहा है. लेकिन, विभाग के अधिकारी जांच नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से कई मरीजों की असमय मौत हो रही है. यह भी कहा गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से नकली दवाएं बेची जा रहीं हैं.

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