मेदिनीनगर. भारतीय खाद्य निगम आम नागरिकों की सुविधा के लिए नीलामी प्रक्रिया के तहत चावल की बिक्री कर रहा है. मंगलवार को एफसीआइ के डालटनगंज मंडल प्रबंधक यशपाल सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में चावल की नीलामी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य बाजार मूल्य को नियंत्रित करना है. फिलहाल बाजार में ऊंची कीमत पर चावल बिक रही है. झारखंड में जिस चावल की खपत अधिक है, उसकी उपलब्धता एफसीआइ के पास है. सरकार के निर्देश के आलोक में भारतीय खाद्य निगम ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से चावल की बिक्री कर रहा है. उन्होंने बताया कि झारखंड स्थित भारतीय खाद्य निगम के सभी गोदामों से इस तरह की नीलामी प्रक्रिया अपना कर चावल की बिक्री की जा रही है. पलामू में अभी तक 250 मिट्रिक टन चावल की बिक्री ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से हुई है. उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा खुले बाजार विक्रय योजना के माध्यम से उपलब्ध स्टॉक से निर्धारित आधार मूल्य पर चावल बेचा जा रहा है. ताकि बाजार में चावल की कमी न हो और कीमतों को नियंत्रित किया जा सके. भारत सरकार ने चावल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए एफसीआइ के माध्यम से ई-नीलामी प्रक्रिया के जरिये खुले बाजार में चावल की निश्चित मात्रा बेचने का निर्णय लिया है. चावल के खरीदार कम से कम एक मिट्रिक टन एवं अधिकतम 200 मिट्रिक टन की खरीद कर सकते हैं. झारखंड में यह प्रक्रिया दो अगस्त से लागू की गयी है. ई-नीलामी के माध्यम से सूचीबद्ध खरीदारों को चावल की बिक्री की जाती है. प्रत्येक बुधवार को इसका आयोजन होता है. उन्होंने बताया कि 28 अगस्त को झारखंड के सात डीपो से 5300 मिट्रिक टन चावल की बिक्री के लिए निविदा आमंत्रित की गयी है. सूचीबद्ध खरीदार मेसर्स एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड द्वारा दिये गये लॉगिंग आइडी व पासवर्ड का उपयोग कर ई-नीलामी के माध्यम से निविदा में भाग ले सकते हैं. चावल का आधार मूल्य 2800 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है.
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