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मेडिकल कॉलेज पर लगा 12 लाख का जुर्माना

सदर अस्पताल वर्तमान में मेदिनीराय मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में स्थित ब्लड बैंक का लाइसेंस पिछले चार साल पहले फेल है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 9:36 PM

दो जून तक जमा करने का निर्देश, कॉलेज ने सरकार से मांगी राशि मेदिनीनगर. सदर अस्पताल वर्तमान में मेदिनीराय मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में स्थित ब्लड बैंक का लाइसेंस पिछले चार साल पहले फेल है. इसके बाद भी संचालित किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज में टीचरों की भी कमी पायी गयी है. इसे लेकर एनएमसी ने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. दो जून तक जमा करने का निर्देश दिया गया है. मालूम हो कि 10 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को इस मामले की जानकारी दी गयी. मेडिकल कालेज में नये सत्र में नामांकन को लेकर मेडिकल कॉलेज की ओर से सभी जानकारी आनलाइन एनएमसी भेजी गयी थी. जिसमें इस बात का जिक्र किया था कि सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक का लाइसेंस 30 सितंबर 2020 को ही फेल हो चुका है. जिसके बाद अभी तक लाइसेंस कर रिन्यूअल नहीं हुआ है. जबकि छह हजार रुपये लाइसेंस फीस के नाम पर व डेढ़ हजार रुपया इंस्पेक्शन फीस के नाम पर चालान से सात सितंबर 2020 को जमा किया जा चुका है. इसे लेकर एनएमसी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की थी. एनएमसी के अधिकारी का कहना है कि पिछले चार साल बीत जाने के बाद भी लाइसेंस का नवीकरण नही होना घोर लापरवाही है. इस मामले में 12 लाख जुर्माना भी लगाया जायेगा. टीम द्वारा ब्लड बैंक की जांच की गयी थी. जिसमें 12 कमियां पायी गयी.जांच के क्रम में पाया गया कि ब्लड बैंक में एलिजा मशीन अभी तक नहीं लगाया गया है. एलिजा मशीन द्वारा ब्लड के संक्रमण के बारे में जांच की जाती है. जिन लोगों द्वारा ब्लड दिया जा रहा है. एलिजा मशीन के जरिये जांच में एचआइवी व हेपेटाइटिस से संक्रमित पाये जाने पर संबंधित ब्लड को डोनेट नहीं किया जा सकता है. ब्लड स्टोरेज होने पर उसमें अलार्मिंग सिस्टम भी नहीं लगा हुआ था. थर्मोग्राफी की भी सुविधा नहीं थी. काउसिलर, प्लान लेआउट भी नहीं पाया गया. जिसे पूरा करने का निर्देश दिया गया था. जबकि पूर्व में पलामू के सिविल सर्जन ने सात सितंबर 2020 को राज्य औषधि नियंत्रक निदेशालय के निदेशक को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी गयी थी कि सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक की अवधि 30 सितंबर 2020 को समाप्त होने वाला है. नवीकरण के लिए कार्रवाई के लिए भेजी जा रही है. सरकार से मांगी गयी है राशिः प्राचार्य मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ कर्मेंद्र प्रसाद ने बताया कि एनएमसी के द्वारा पत्र मेडिकल कॉलेज को भेजा गया है. जिसमें 12 लाख रुपया दो जून तक जमा करने की बात कही गयी है. जुर्माना की राशि जमा करने के लिए सरकार से पत्राचार कर राशि की मांग की गयी है. राशि मिलने के बाद जुर्माना जमा कर दिया जायेगा.

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