क्रय पदाधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज
पतरा पैक्स में 8356 क्विंटल धान का हिसाब नहीं
मेदिनीनगर. पड़वा प्रखंड के पतरा पैक्स द्वारा खरीफ विपणन मौसम वित्तीय वर्ष 2021-22 का 8356 क्विंटल धान अभी तक राइस मिल को उपलब्ध नहीं कराया गया है. यही नहीं 128 किसानों को द्वितीय किस्त की राशि भी अभी तक नहीं मिली है. इस मामले में डीसी शशि रंजन द्वारा टीम गठित कर जांच करायी गयी थी. जांच रिपोर्ट आने के बाद पंचायत सचिव मनोज कुमार मिश्रा सह तत्कालीन क्रय पदाधिकारी पतरा पैक्स पर पड़वा थाने में एक अगस्त को डीसी के आदेश पर बीडीओ ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. इस संबंध में डीसी द्वारा निर्गत पत्र में कहा गया है कि जिला स्तरीय धान अधिप्राप्ति अनुश्रवण समिति द्वारा 29 जुलाई को पतरा पैक्स के तहत धान अधिप्राप्ति के संदर्भ में गहनता पूर्वक जांच की गयी थी. जांच में पाया गया कि तत्कालीन क्रय पदाधिकारी पतरा पैक्स मनोज कुमार मिश्रा द्वारा धान अधिप्राप्ति एवं उसके भंडारण कार्य में कई तरह की अनियमितता बरती गयी है. इसलिए मनोज कुमार मिश्रा पर विभागीय कार्रवाई शुरू करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी जाये. मालूम हो कि धान अधिप्राप्ति योजना अंतर्गत किसानों की लंबित राशि के भुगतान के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है.
टीम ने जांच में क्या-क्या गड़बड़ी पायी :
जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रीति किस्कू की अध्यक्षता में 29 जुलाई को जांच की गयी. जिसमें पाया गया कि खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के अंतर्गत पतरा पैक्स में 22447.39 क्विंटल धान क्रय किया गया था. जिसमें 8356 क्विंटल धान राइस मिल को नहीं भेजा गया था. जांच दल को मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि किसानों से धान अधिप्राप्ति के बाद पांच गोदाम में धान का भंडारण किया जा रहा था. जिसकी जांच करने पर पता चला कि इन पांच गोदाम में सिर्फ साढ़े नौ हजार बैग ही रखने की क्षमता है. जबकि 8356 क्विंटल धान को रखने में 40 किलोग्राम बैग के हिसाब से 20890 बैग भंडारण किया जाना चाहिए था. जांच टीम का कहना है कि जब पांच गोदाम पतरा पैक्स में दो हजार बैग, राजकुमार साव के प्राइवेट भवन में तीन हजार बैग, तहसील कचहरी लामी पतरा 1500 बैग, अर्जुन साव के घर में एक हजार बैग व नावाडीह उताकी पैक्स भवन में दो हजार बैग कुल अधिकतम साढ़े नौ हजार बैग ही रखा जा सकता है. जांच के क्रम में पाया गया कि 27 मार्च 2022 को एक ही दिन में 532.10 क्विंटल धान की खरीदारी की गयी है. जबकि सामान्य तौर पर एक दिन में सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक सिर्फ 200 से 250 क्विंटल धान ही औसत रूप से क्रय किया जा सकता है. जांच टीम ने पाया कि धान अधिप्राप्ति के समय दो प्राइवेट गोदाम में भी धान भंडारण करने का जिक्र किया गया है. लेकिन ये दोनों गोदाम के बारे में किसी भी वरीय पदाधिकारी से भंडारण के संबंध में कोई एकरारनामा व अनुमति प्राप्त नहीं की गयी थी. जांच में यह भी पाया गया कि पतरा पैक्स पड़वा प्रखंड के अंतर्गत आता है. लेकिन क्रय किये गये धान का भंडारण पाटन प्रखंड में दिखाया गया है.जांच टीम में शामिल थे :
जांच टीम में जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रीति किस्कू, जिला सहकारिता पदाधिकारी उमेश कुमार सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी विवेक बिरुवा व जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है