सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ शुरू, जानें झारखंड में कैसे हो रही है छठ पूजा
कई सामाजिक संस्थाओं ने छठव्रतियों के बीच पूजन सामग्री का वितरण किया. नहाय-खाय के साथ छठ पूजा प्रारंभ करने के लिए छठव्रती सुबह से ही डालटनगंज स्थित कोयल नदी के तट पर पहुंच गये और पूरी शुद्धता के साथ पूजा-अर्चना की. नदी का जल और बालू पूजा के लिए घर ले गये.
झारखंड समेत देश भर में नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गयी है. पलामू के प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में भी सूर्योपासना का चार दिवसीय छठ महापर्व का आगाज हो गया है. कुछ छठव्रतियों ने कोयल नदी में जाकर पूजा की, तो कुछ ने अपने आंगन या छत पर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की. बाजार में भीड़ लग गयी है. पूजा से जुड़ी सामग्री की बिक्री तेज हो गयी है. कई सामाजिक संस्थाओं ने छठव्रतियों के बीच पूजन सामग्री का वितरण किया. नहाय-खाय के साथ छठ पूजा (Chhath Puja 2022) प्रारंभ करने के लिए छठव्रती सुबह से ही डालटनगंज स्थित कोयल नदी के तट पर पहुंच गये और पूरी शुद्धता के साथ पूजा-अर्चना की. नदी का जल और बालू पूजा के लिए घर ले गये. इस दौरान छठ करने वाले लोगों ने घर पर अपने-अपने स्थान भी चिह्नित कर लिये. देखिए, पलामू से सैकत चटर्जी की रिपोर्ट…
Chhath Mahaparv (Chhath Puja 2022) has started with bathing and eating across the country including Jharkhand. The four-day long Chhath festival of Suryopasana has also started in Medininagar, the divisional headquarters of Palamu. Some Chhathvratis worshiped by going to the Koel river (Koyal River), while some worshiped Lord Bhaskar in their courtyard or terrace. The market is crowded. The sale of items related to worship has increased. Many social organizations distributed worship material among the Chhathvratis. In order to start Chhath Puja with bathing and eating, Chhathvati reached the banks of Koel river located in Daltonganj from early morning and worshiped with complete purity. River water and sand were taken home for worship. During this, people performing Chhath also marked their respective places at home. See, the report of Saikat Chatterjee from Palamu…