सतबरवा. रांची से विंढमगंज तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. लातेहार जिले के उदयपुर से भोगू तक भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है. मुआवजे की राशि के भुगतान की प्रक्रिया भी चल रही है. लेकिन कई गांव के रैयत कम मुआवजा होने के कारण राशि लेने से इंकार कर रहे हैं. साथ ही कानूनी प्रक्रिया के तहत लड़ाई भी शुरू कर दी है. रैयतों के अनुसार शनिवार को एनएचएआइ के तहत कार्य कर रही भारत वाणिज्य कंपनी के चार सदस्य बकोरिया पंचायत के कसियाडीह गांव में एक वृद्धा के घर पहुंचकर एलपीसी के कागजात पर अंगूठा लगाने के लिए दबाव बना रहे थे. जिन्हें बंधक बना लिया गया. इसकी सूचना पाते ही सतबरवा पुलिस सभी कर्मियों को थाना ले आयी. वहीं जबरन कागजात पर अंगूठा लगवाने की सूचना मिलने पर काफी संख्या में रैयत सतबरवा थाना पहुंचे व मामले को लेकर आवेदन दिया. थाना प्रभारी अंचित कुमार ने बताया कि दो लाइजनिंग अफसर, एक सुपरवाइजर व एक चालक पर एलपीसी के कागजात पर जबरन हस्ताक्षर के लिए दबाव देने का आरोप है. कई रैयतों ने एससी कोर्ट में अपनी जमीन की मुआवजा राशि कम होने की शिकायत दर्ज करायी है, जिसकी कानूनी प्रक्रिया चल रही है. वहीं उक्त वृद्धा एतवरिया कुंवर ने बताया कि उनकी जमीन फोरलेन सड़क निर्माण में अधिग्रहित की गयी है. लेकिन कम मुआवजा होने के कारण हम लोगों ने आपत्ति दर्ज करायी है. शनिवार को चारों कर्मी घर पर आये तथा जबरन एलपीसी के कागज पर अंगूठा लगाने का दबाव बनाने लगे. जिसके बाद पोती संजू कुमारी ने अन्य रैयतों को मामले से अवगत कराया. जिसके बाद रैयतों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया. दुलसुलमा गांव के बृजभान सिंह, फूलचंद साव, जयनाथ साहू, गुलाब सिंह ने भी बताया कि चारों कर्मी घर पर जाकर बार-बार एलपीसी बनवाने की धमकी देते हैं. नहीं बनाने पर जमीन का मुआवजा नहीं देने की बात कहते हैं. कहते हैं कि जमीन भी जायेगी और केस करके फंसा देंगे. वहीं थाना प्रभारी ने कहा कि पूरे मामले को चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद सुलझा लिया जायेगा.
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