झारखंड: जीएलए कॉलेज में परीक्षार्थियों ने मोबाइल की रोशनी में लिखी प्रैक्टिकल परीक्षा, छात्र संगठनों का विरोध
पलामू के जीएलए कॉलेज में जूलॉजी की प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित की जा रही है, लेकिन वहां की लचर व्यवस्था के कारण जूलॉजी डिपार्टमेंट के विद्यार्थी प्रैक्टिकल परीक्षा या तो क्लास के बाहर देने को विवश दिखे या मोबाइल की रोशनी में परीक्षा देते दिखे. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वहां बिजली की व्यवस्था नहीं है
पलामू, सैकत चटर्जी: झारखंड के पलामू जिले के नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के जीएलए कॉलेज की लचर व्यवस्था की पोल उस समय खुल गयी, जब गुरुवार को परीक्षार्थियों को मोबाइल की रोशनी में जूलॉजी की प्रैक्टिकल परीक्षा लिखनी पड़ी. बताया जा रहा है कि परीक्षा हॉल में बिजली की व्यवस्था नहीं थी. इस कारण मौसम में बदलाव के कारण अंधेरा छाने पर परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान काफी दिक्कत होने लगी. लिहाजा परीक्षार्थियों ने मोबाइल की रोशनी में परीक्षा लिखी. इधर, छात्र संगठन ने जब कॉलेज के प्राचार्य को इसकी जानकारी दी, तो उन्होंने बिजली की व्यवस्था करायी. प्राचार्य ने अपनी जिम्मेवारी यह कहकर टालने का प्रयास किया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गयी थी. वाइजेके स्टूडेंट्स फेडरेशन के पदाधिकारियों ने प्राचार्य से मांग की कि महाविद्यालय प्रशासन कॉलेज की मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करे, ताकि विद्यार्थियों को कोई परेशानी ना हो. अगर इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं होती है तो छात्र संगठन रणनीति बनाकर आंदोलन करेगा. एग्जाम हॉल में मौजूद शिक्षक से बात की गई तो उनके पास भी कोई उचित जवाब नहीं था. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के साथ-साथ हम भी इस भीषण गर्मी में विद्यार्थियों के साथ हैं.
जूलॉजी की प्रैक्टिकल परीक्षा दे रहे थे छात्र
पलामू के जीएलए कॉलेज में जूलॉजी की प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित की जा रही है, लेकिन वहां की लचर व्यवस्था के कारण जूलॉजी डिपार्टमेंट के विद्यार्थी प्रैक्टिकल परीक्षा या तो क्लास के बाहर देने को विवश दिखे या मोबाइल की रोशनी में परीक्षा देते दिखे. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वहां बिजली की व्यवस्था नहीं है.
छात्रों के साथ शिक्षक भी परेशान
जब एग्जाम हॉल में मौजूद शिक्षक से बात की गई तो उनके पास भी कोई उचित जवाब नहीं था. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के साथ-साथ हम भी इस भीषण गर्मी में विद्यार्थियों के साथ हैं, जो समस्याएं विद्यार्थियों को हैं, उन समस्याओं का सामना हम भी कर रहे हैं. दबी जुबान से लगभग सभी ने व्यवस्था पर नाराजगी जतायी.
वाइजेके ने किया कड़ा रुख अख्तियार
छात्र संगठन वाइजेके के सदस्यों ने इसे लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है. इस छात्र संगठन की ओर से मीडिया को बताया गया कि परीक्षा के दौरान यह पाया गया कि परीक्षा कक्ष में बिजली नहीं है और विद्यार्थी इस अंधेरे कक्ष में मोबाइल की रोशनी से परीक्षा देने को विवश थे. वाइजेके स्टूडेंट्स फेडरेशन के विकास यादव ने कहा कि जीएलए कॉलेज जैसे सूबे के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान में बिजली तक की उचित व्यवस्था नहीं है. विद्यार्थी अपने फोन के सहारे परीक्षा देने को विवश हैं, यह बेहद शर्मनाक है.
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जिला अध्यक्ष ने कहा यह काम गैरजिम्मेवार
जिला अध्यक्ष बिपिन यादव ने कहा कि महाविद्यालय प्रशासन पूर्णतः गैरजिम्मेदारी से काम कर रहा है. महाविद्यालय में इस तरह की व्यवस्था महाविद्यालय प्रशासन पर कई प्रश्न चिन्ह खड़े करता है. जिला सचिव मोहित साहू ने कहा कि प्रमंडल के इतने बड़े महाविद्यालय की स्थिति ऐसी है कि यहां बिजली जैसी आधारभूत सुविधा नहीं है. विद्यार्थियों की परेशानी से किसी को कोई मतलब ही नहीं है. जिला उपाधक्ष कृष्ण यादव ने कहा कि विद्यार्थियों की परेशानी से महाविद्यालय और विश्वविद्यालय को कोई फर्क नहीं पड़ता है, वे सब जान बूझकर इसकी अनदेखा करते हैं. विकास मौर्य ने कहा कि ऐसी स्थिति में विभाग के शिक्षक और प्राचार्य को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.
प्राचार्य के प्रयास से बिजली हुई बहाल
जब वहां के प्राचार्य से छात्र नेताओं ने बात की तो उन्होंने तत्काल उस कक्षा में बिजली की व्यवस्था करायी. उन्होंने अपनी जिम्मेवारी यह कहकर टालने का प्रयास किया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गयी थी. वाइजेके स्टूडेंट्स फेडरेशन के पदाधिकारियों ने प्राचार्य से मांग की कि महाविद्यालय प्रशासन सर्वप्रथम कॉलेज की मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करे, ताकि विद्यार्थियों को कोई परेशानी ना हो. अगर इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं होती है तो छात्र संगठन रणनीति बनाकर आंदोलन करेगा.