संवाददाता, पटना राज्य में अभियान चलाकर सरकारी जमीनों की जमाबंदी की जायेगी. ऐसी जमीनों की जमाबंदी के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून, 2024 निर्धारित की गयी है. साथ ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इससे संबंधित पत्र सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और डीएम को भेजा है. इस पत्र में विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा है कि सभी प्राधिकार अर्थात राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, प्रमंडलीय आयुक्त, समाहर्त्ता, जिला भूअर्जन पदाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी के नाम से लॉग इन बना दिया गया है. इन लोगों को अभियान चलाकर 30 जून तक आवेदन और कागजात अपलोड करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही इसकी निगरानी और साप्ताहिक समीक्षा के लिए भी कहा गया है. सूत्रों के अनुसार सरकारी भूमि का विभिन्न परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार के संबंधित विभाग, निगम, सोसाइटी व प्राधिकार सहित केंद्र सरकार के अंतर्गत एनएचएआइ इस्तेमाल करती है. ऐसी जमीन का अंतर्विभागीय हस्तांतरण नि:शुल्क होता है. साथ ही सरकारी भूमि की नि:शुल्क बंदोबस्ती किसी व्यक्ति विशेष जैसे-सैनिक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग (सुयोग्य श्रेणी) के परिवारों को की जाती है. इसके साथ ही विभिन्न केंद्रीय और राजकीय परियोजनाओं के लिए रैयती भूमि का अधिग्रहण और लीज किया जाता है. हस्तांतरण के बाद ऐसी सभी जमीन की जमाबंदी होना जरूरी है, लेकिन जमाबंदी कायम नहीं होने की शिकायत विभाग को मिल रही थी. सीओ को निर्देश : विभाग ने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सरकारी भूमि के दाखिल-खारिज के लिए प्राप्त सूचनाओं को प्राथमिकता के आधार पर और निर्धारित अवधि में पूरा करें. साथ ही यह भी निगरानी रखने के लिए कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में हल्का कर्मचारी या राजस्व पदाधिकारी के स्तर पर निर्धारित अवधि से ज्यादा कागजात लंबित नहीं रहे. सरकारी जमीन की दाखिल- खारिज की समीक्षा संबंधित समाहर्ता या अनुमंडल पदाधिकारी व भूमि सुधार उपसमाहर्ता द्वारा अलग से की जायेगी.
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