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कर्मचारियों की मांग जायज, इसे पूरी करे सरकार

हड़ताली कर्मियों से मिले डालटनगंज व पांकी विधायक, कहा

मेदिनीनगर. झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ की हड़ताल चौथे दिन गुरुवार को भी जारी रही. गुरुवार को डालटनगंज विधायक आलोक कुमार चौरसिया व पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता धरना दे रहे हड़ताली कर्मियों से मिले. उनकी हड़ताल का समर्थन किया. विधायक आलोक चौरसिया ने कहा कि समाहरणालय संवर्ग के कर्मचारियों ने नियम के अनुसार अपनी मांग सरकार के समक्ष रखी है. कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सभी तरह के कामकाज ठप पड़े हैं, लेकिन राज्य सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग जायज है. उनकी मांगों को विधानसभा सत्र में उठाया जायेगा. वहीं विधायक डॉ शशिभूषण मेहता ने कहा कि समाहरणालय संवर्ग के कर्मचारी जवाबदेही के साथ अपने कार्यों का निष्पादन करते हैं. फिर भी सरकार उनकी मांगों को नजर अंदाज कर रही है. कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए उनकी मांगों को विस सत्र में प्रमुखता से उठायेंगे. राज्य सरकार को चाहिए कि कर्मचारियों के मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार कर उसे लागू करे. धरना से पूर्व संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने नौ सूत्री मांग को लेकर विरोध मार्च निकाला. मौके पर मो शकील, देवेंद्र कुमार, सुशील तिवारी, अमरेश सिंह, मृत्युंजय सिंह, घनश्याम दुबे, सच्चिदा राम, संजय प्रसाद, विनोद कुमार गुप्ता, आशीष सिंह, सुशील शर्मा, दीनदयाल रमण सहित कई कर्मचारी मौजूद थे.

मांग पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल :

मालूम हो कि समाहरणालय संवर्ग के 212 कर्मचारी हड़ताल पर हैं. जिससे सारा कामकाज ठप है. संघ के जिलाध्यक्ष रंजय कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के मनमाने रवैया की वजह से कर्मचारियों को हड़ताल करनी पड़ी. इस सरकार का रवैया कर्मचारी विरोधी है. मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी.

बेमियादी हड़ताल पर डटे मनरेगा कर्मचारी :

सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर मनरेगा कर्मचारी 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के बैनर तले उनका आंदोलन चल रहा है. गुरुवार को समाहरणालय परिसर में धरना-प्रदर्शन के दौरान संघ के विकास पांडेय ने कहा कि मांग पूरा होने तक हड़ताल जारी रहेगी. अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करना उनकी विवशता है. वे लोग 17 वर्षों से कार्यरत हैं, लेकिन सरकार को उनके भविष्य की चिंता नहीं है. संघ के कार्यकारी जिला अध्यक्ष नारद यादव ने कहा कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों से मनरेगा कर्मियों में आक्रोश है. सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने में मनरेगा कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. लेकिन उन्हें जो मानदेय मिल रहा है, उससे गुजारा संभव नहीं है. उनकी एक ही मांग है कि सरकार सेवा स्थायी करे. संघ के लोगों ने झामुमो जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिन्हा से मिलकर उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. मांगें पूरी करने की सिफारिश का आग्रह किया. मौके पर अख्तर हुसैन, रामाकांत तिवारी, चंद्रशेखर दुबे, मणि शंकर मिश्रा, राजू कुमार, विजय राम, अजय कुमार, उमेश कुमार, ओमप्रकाश गुप्ता, जगत प्रसाद मेहता, प्रभंजन कुमार सहित कई मनरेगा कर्मी मौजूद थे.

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