मेदिनीनगर. इंटरनेशनल डे फॉर काउंटरिंग हेट स्पीच के अवसर पर मंगलवार को सूचना भवन के सभागार में सेमिनार हुआ. आयोजन सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने किया. सेमिनार का उदघाटन डीसी शशि रंजन ने किया. उन्होंने घृणास्पद बयान या भाषण को समाज के लिए घातक बताया. कहा कि घृणास्पद भाषण से सामाजिक ताना-बाना खराब होगा. इसका सीधा असर देश की लोकतांत्रिक सिद्धांत पर पड़ेगा. इसके बारे में बच्चों को अवगत कराना आवश्यक है. यदि हम अपने बच्चों को हेट स्पीच से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बतायेंगे, तो वे बड़े होकर इस विषय से दूर रहेंगे. डीसी ने कहा कि घृणा एवं पूर्वाग्रह कभी-कभी व्यक्तियों या समूहों के धर्म, जाति के आधार पर उत्पन्न हो सकते हैं और हिंसा के विभिन्न रूपों में बदल सकते हैं, जो कहीं से उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि घृणास्पद बयान या भाषण कई माध्यमों से समाज में फैलता है. इसे रोकना हम सबों का दायित्व है. इसके लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है. लोगों को हमेशा अपनी सोच को सकारात्मक रखना होगा. संविधान किसी को भी समाज में विषमता फैलाने की इजाजत नहीं देता है. देश व समाज के बेहतर वातावरण के लिए लोगों को सकारात्मक सोच तैयार करना होगा. इसमें बुद्धिजीवी वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. घृणास्पद बयान या भाषण का प्रतिकार हर स्तर पर होना चाहिए तभी सामाजिक माहौल बेहतर बनेगा. जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ असीम कुमार ने विषय प्रवेश कराते हुए इंटरनेशनल डे फॉर काउंटरिंग हेट स्पीच के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि घृणास्पद बयान या भाषण का प्रतिकार करने और इसे फैलने से रोकने की दिशा में कारगर कदम उठाने की जरूरत है. सेमिनार में वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद फैयाज अहमद, संजय पांडेय, संजय सिंह उमेश, नागेंद्र शर्मा, प्रेम प्रकाश ने कहा कि भारतीय संविधान में आपस में भाईचारा निभाने की बात कही गयी है. बदलते परिवेश में प्रेम के माध्यम से ही घृणास्पद बयान या भाषण का प्रतिकार किया जाना चाहिए. संचालन शालिनी श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन एपीआरओ अजित तिवारी ने किया. मौके पर एपीआरओ विजय ठाकुर सहित मीडियाकर्मी मौजूद थे.
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