बेतला (पलामू) : बेतला नेशनल पार्क में संक्रमण से एक सप्ताह के अंदर लगातार हुई दो जंगली भैंसों (बायसन) की मौत की घटना के बाद विभागीय पदाधिकारियों में हड़कंप है. एक मादा बायसन की मौत 29 अप्रैल को हुई थी, जबकि दूसरे नर बायसन की मौत चार मई को हो गयी. मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य के हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स सह पीसीसीएफ शशि नंद कुलियार और पीसीसीएफ पीके वर्मा बेतला पहुंचे. इस दौरान पदाधिकारियों ने केवल स्थल का भ्रमण किया बल्कि विभागीय पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक भी की.
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इस दौरान जंगली भैंसों की हुई लगातार मौतों पर चिंतन मंथन किया गया. यह जानने का प्रयास किया गया कि मौत का कारण संक्रमण है अथवा कुछ और. बैठक के बाद हेड ऑफ पुलिस फॉरेस्ट फोर्स सह पीसीसीएफ श्री कुमार ने बताया कि बेतला नेशनल पार्क में लगातार हुई जंगली भैंसों की मौत को लेकर विभाग गंभीर है. प्रथम दृष्टया मौत का कारण संक्रमण ही है. दोनों बायसन की मौत विभाग पोस्टमार्टम में पाया गया कि उनके लीवर व लंग्स में समस्याएं थी. जिसके कारण उनकी मौत हुई. फिर भी जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती है तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.
उन्होंने बताया कि दोनों मृत जंगली भैंसों के सैंपल की जांच रिपोर्ट के बाद अगला कदम उठाया जायेगा. हालांकि संक्रमण का प्रसार न हो इसे देखते हुए सभी जलाशयों को सैनेटाइज करने का निर्देश दिया गया है. वहीं जितने भी सीमेंटेड वाटर टैंक हैं उसकी सफाई कर आसपास के क्षेत्र में संक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही बायसन के गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.
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संक्रमित बायसन किसी अन्य जंगली जानवर के संपर्क में आया है अथवा नहीं इसकी भी जांच करायी जा रही है. इतना ही नहीं नेशनल पार्क से सटे गांव के मवेशियों पर भी नजर रखने को कहा गया है. झारखंड के सिर्फ बेतला नेशनल पार्क में ही बायसन पाए जाते हैं आंकड़ों के अनुसार बेतला में अभी साठ से सत्तर बायसन मौजूद है. मौके पर पीटीआर के क्षेत्र निदेशक वाई के दास, डिप्टी डायरेक्टर मुकेश कुमार, कुमार आशीष रेंजर, प्रेम प्रसाद सहित कई लोग मौजूद थे.
वन्य प्राणी विशेषज्ञ डीएस श्रीवास्तव ने कहा कि सिर्फ बेतला में ही पाये जाने वाले बायसन का संक्रमण का शिकार होना जंगली जानवर और मवेशियों के लिए खतरे की घंटी है. यदि संक्रमण की रोकथाम के लिए तत्काल कदम नहीं उठाया गया तो इसका बुरा असर पड़ेगा. जिसका नुकसान जंगली जानवरों के अलावे पालतू मवेशियों को भी उठाना पड़ेगा.