मेदिनीनगर : पलामू में रविवार की रात और सोमवार को मूसलाधार बारिश हुई. इस बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी है. क्योंकि इस वर्ष समय पर पर्याप्त बारिश होने से लक्ष्य के खिलाफ पलामू में 104 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है. लेकिन हाल के दिनों में बारिश नहीं होने के कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी देखी जा रही थी. किसानों का कहना था कि यदि एक सप्ताह बारिश नहीं होती तो धान पीले पड़ने लगे थे. इसका उत्पादन पर सीधा असर पड़ता. लेकिन बारिश ने किसानों की चिंता दूर कर दी है.
आंकड़ों के मुताबिक पलामू में 68 मिलीमीटर बारिश हुई है. कृषि वैज्ञानिकों की माने तो यह बारिश धान सहित सभी खरीफ फसलों के लिए काफी लाभकारी है. चियांकी कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉक्टर राजीव किशोर ने बताया कि यह बारिश किसानों के लिए काफी लाभकारी है. इस बारिश से धान में लगे रोग भी समाप्त हो जायेंगे. ऐसे समय में किसानों को भी सजगता दिखाना होगा.
आमतौर पर यह देखा जाता है कि बारिश होने के बाद किसान यह मान लेते हैं कि सब कुछ ठीक हो गया. लेकिन ऐसा नहीं है. इस समय की थोड़ी सी लापरवाही आगे भारी पड़ सकती है. इसलिए यह जरूरी है कि किसान इस पानी को खेत में रोकने के लिए ही धान के खेत में पानी रुके इसके लिए मेड़बंदी करे.साथ ही रबी फसल की खेती के लिए खेत की तैयारी भी कर सकते है. क्योंकि टड़िहन खेतों में भी नमी आ गयी है. इसलिए अब किसानों को किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है.
Post by : Pritish Sahay