बागेश्वर धाम सरकार की कथा मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई, राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस
पलामू में बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उपायुक्त के फैसले उचित प्रतीत नहीं होते हैं. वहीं राज्य के मुख्य सचिव को अदालत ने शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया.
रांची, सैकत चटर्जी : पलामू के मेदिनीनगर में होने वाले बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र शास्त्री के ‘हनुमंत कथा’ कार्यक्रम को जबसे जिला प्रशासन ने रोका है, तब से यह मामला सुर्खियों में है. पलामू जिला प्रशासन द्वारा हनुमंत कथा को रोकने के खिलाफ आयोजन समिति ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. इसी याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
सुनवाई में न्यायालय ने पूछे कई सवाल
शुक्रवार को जस्टिस गौतम चौधरी ने पलामू में बागेश्वर बाबा के पलामू आने की अनुमति संबंधित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान उन्होंने पलामू जिला प्रशासन से कई सवाल पूछे हैं. यह जानकारी मेदिनीनगर की प्रथम महापौर सह हनुमंत कथा समिति की संयोजक अरुणा शंकर एवं बागेश्वर धाम के प्रभारी नितेश सिंह ने दी .
उपायुक्त के फैसले उचित प्रतीत नहीं होते : अदालत
न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि पलामू के उपायुक्त ने हनुमंत कथा को रद्द करने के लिए जो कारण बताए हैं वे उचित प्रतीत नहीं हो रहे हैं. जस्टिस गौतम चौधरी ने सुनवाई की अगली तारीख 16 जनवरी निर्धारित की है. कोर्ट ने पलामू जिला प्रशासन को यह आदेश दिया है कि वे शपथपत्र दाखिल कर ये बताएं कि पिछले दो साल में पलामू में इस तरह के जो कथा-कार्यक्रम आयोजित हुए, उन्हें आयोजन की अनुमति देते वक्त क्या उसी तरह की शर्त रखी गई थी जैसी कि हनुमंत कथा आयोजित करने के लिए रखी गई है.
चीफ सेक्रेटरी को भी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
सुनवाई के दौरान विशेष संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को भी एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने कहा है कि आखिर धार्मिक कथा को सरकार द्वारा अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है?