सरकार की अनदेखी से बंद होने के कगार पर पहुंचा उच्च विद्यालय
अधिग्रहण की कार्रवाई नहीं होने से इस विद्यालय के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है.
मोहम्मदगंज. सिंचाई परियोजना परिक्षेत्र में स्थित मोहम्मदगंज उत्तर कोयल परियोजना उच्च विद्यालय की स्थापना के करीब 40 वर्षों बाद भी झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग के द्वारा अधिग्रहण नहीं किया गया है. अधिग्रहण की कार्रवाई नहीं होने से इस विद्यालय के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है. विभागीय अनदेखी के कारण विद्यालय बंदी के कगार पर है. जबकि बिहार परिक्षेत्र के विद्यालय को शिक्षा विभाग ने अधिग्रहित कर लिया है. हालांकि विद्यालय बंद नहीं हो और इस शिक्षण संस्थान में शिक्षा का दीया जलता रहे, इसके लिए करीब चार अतिथि शिक्षक के रूप में स्थानीय युवक स्वेच्छा के साथ निःशुल्क पठन-पाठन का कार्य पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं. आज भी इस विद्यालय का परीक्षाफल जैक द्वारा ही जारी किया जाता है. विद्यालय संचालन के लिए सभी मानदंड व संसाधन परिसर में है. पांच एकड़ भूमि में फैला विद्यालय परिसर में पठन-पाठन के लिए 10 कमरे है. शौचालय की संख्या चार व पेयजल की बेहतर सुविधा है. इस वर्ष कुल 158 छात्र जैक द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल होनेवाले हैं. जबकि वर्ग नौ में 104 छात्र अध्ययनरत हैं, जो विद्यालय में इस बार न्यूनतम संख्या बतायी जाती है. विद्यालय में सुदूरवर्ती क्षेत्र के गरीब बच्चे पढ़ते हैं. विद्यालय का इतिहास काफी गौरवमयी रहा है. इस विद्यालय में पढ़ कर बच्चे कई बड़े ओहदे पर आज नौकरी कर रहे हैं. प्रखंड का एकमात्र यह उच्च विद्यालय 70-80 के दशक तक रहा है. इसके बाद ही कई विद्यालयों को उवि में अपग्रेड किया गया है. मालूम हो कि उत्तर कोयल परियोजना उवि की स्थापना की अनुमति उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) बिहार से 30 जून 1986 को स्वायत्तता धारक विद्यालय के रूप में मिला है. एकीकृत बिहार के समय सिंचाईं परियोजना ने एक साथ कोसी, वीरपुर, इंद्रपुरी, वाल्मीकि नगर (बिहार) व झारखंड के तेनुघाट के साथ मोहम्मदगंज उत्तर कोयल परियोजना उच्च विद्यालय की स्थापना की गयी थी. प्रखंड के अभिभावकों व विद्यालय के पूर्व व वर्तमान शिक्षकों ने विद्यालय को बंद होने से बचाने की लिखित रूप में गुहार लगायी है.
फैक्ट फाइल
नियम को अनदेखी कर इस विद्यालय को बंदी के कगार पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. अभिभावकों व इसमें कार्यरत पूर्व व वर्तमान शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय की स्थापना पूर्णरूपेण जल संसाधन विभाग ने किया है. किसी भी बड़ी परियोजना की स्थापना के बाद जिस क्षेत्र में यह स्थापित होता है, वहां स्कूल समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधा परियोजना में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए की जाती है. परियोजना के शिविरों में उनके निर्माण अवधि तक इस प्रकार की सुविधा व संसाधन परियोजना के व्यय पर संचालन होते हैं. निर्माण अवधि के समापन पर इस तरह के विद्यालय का स्वतः राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा अधिग्रहण करने की परंपरा रही है. इस परियोजना परिसर में एक मवि व एक सभी सुविधाओं से सुजज्जित बड़ा अस्पताल भी था, जो पूरी तरह बंद होकर खंडहर में तब्दील हो गया है. अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण अब मोहम्मदगंज उत्तर कोयल परियोजना उच्च विद्यालय की शिक्षा की धरोहर को बंद होने से बचाने की जरूरत है.
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