एचआइवी संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया, स्वास्थ्य कर्मी सम्मानित
मंगलवार एचआइवी संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव कराने के मामले में मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल की महिला चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों को सम्मानित किया गया.
मेदिनीनगर. मंगलवार एचआइवी संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव कराने के मामले में मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल की महिला चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों को सम्मानित किया गया. इसको लेकर सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन हुआ. इंटीग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर के नोडल पदाधिकारी डा अनिल कुमार श्रीवास्तव ने उन्हें सम्मानित किया. नोडल प्रभारी डा श्रीवास्तव ने अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डा लवली, जीएनएम शीला कुमारी, एएनएम शबाना खातून, लैब टेक्नीशियन किशोर कुमार तिवारी, हैदर अली, सफाई कर्मी सुनीता देवी व आशा देवी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. नोडल प्रभारी डा श्रीवास्तव ने बताया कि एचआइवी संक्रमित महिला गढ़वा की रहनेवाली है. 22 दिसंबर को प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के सदस्यों ने उसे गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन एचआइवी संक्रमित होने के कारण उस अस्पताल में उसका प्रसव कराने से इंकार करते हुए उसे मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर कर दिया गया. नोडल प्रभारी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डिलीवरी कीट के माध्यम से सामान्य प्रसव कराया गया. एचआइवी संक्रमित महिला ने दो किलो 720 ग्राम के स्वस्थ बालक को जन्म दिया. जन्म के बालक को नेवरापीन ड्रॉप दिया गया. उसकी एचआइवी जांच की गयी, रिपोर्ट निगेटिव निकला. उन्होंने बताया कि डेढ़ माह, छह माह, 12 माह और 18 माह होने पर शिशु की एचआइवी की जांच की जायेगी. 18 माह पर होनेवाली जांच में निगेटिव होने पर उसको जांच कराने की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि नाको की ओर से सुरक्षित प्रसव या सिजेरियन कराने के लिए सेफ डिलीवरी कीट और नेवरापीन दवा उपलब्ध करायी जाती है. कीट व दवा अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि गढ़वा से महिला प्रसव पीड़ा में ही अस्पताल आयी थी, जिसको कहीं रेफर करने की भी स्थिति नहीं थी. विषम परिस्थिति में चिकित्सक व कर्मियों ने उसका सुरक्षित प्रसव कराया.
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