PHOTOS: सुभाष चंद्र बोस की मौत कैसे हुई? रहस्य से पर्दा उठाने की मांग, पलामू में इस तरह किया गया नेताजी को याद
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पलामू के कृतज्ञ शहर ने उन्हें याद किया. मेदिनीनगर में जिस घर में नेताजी रुके थे, उस तल को संरक्षित किया गया. केंद्र सरकार से नेताजी की मृत्यु रहस्य से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग की गई. तस्वीरों में देखें पलामू से सैकत चटर्जी और राकेश पाठक की रिपोर्ट-
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर मेदिनीनगर शहर में कई कार्यक्रम किये गए. इस अवसर पर कृतज्ञ शहर ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया. सुभाष चौक पर कई राजनीतिक व सामाजिक संस्थाओं ने कार्यक्रम करते हुए नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. कई शोभायात्रा भी निकाले गए. स्कूलों में भी कार्यक्रम कर नेताजी जयंती मनाई गयी.
सेवा सदन में एक तल को किया गया संरक्षितपलामू के मेदिनीनगर में जब 10 फरवरी को 1940 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस आये थे, तो तत्कालीन स्वतंत्रता सेनानी अमिय कुमार घोष उर्फ गोपा बाबू के माकन में रुके थे. उस मकान में वर्तमान में सेवा सदन संचालित है. सोमवार को नेताजी जयंती के मौके पर सेवा सदन बोर्ड द्वारा निर्णय पारित कर जहां नेताजी रुके थे, उस तल को नेताजी सुभाष बोस तल नामकरण करते हुए संरक्षित किया गया. इसके लिए सेवा सदन संचालित समिति के सुरेश जैन, सौमित्र भट्टाचार्य सहित पूरी टीम को बंगाली समिति द्वारा सम्मानित किया गया. सेवा सदन के सुरेश जैन ने कहा कि यहां गोपा बाबू व नेताजी से जुड़ी तस्वीर व अन्य चीजों को भी संरक्षित किया जायेगा.
झारखंड बंगाली समिति के मेदिनीनगर शाखा व बंगीय दुर्गा बाड़ी के द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी जयंती में कई कार्यक्रम कर उन्हें याद किया गया. इस अवसर पर सबसे पहले बंगाली समिति के सभागार में नेताजी की चित्र पर माल्यार्पण व आरती किया गया. बंगीय दुर्गा बाड़ी के अध्यक्ष देवेश मोइत्रा ने माल्यार्पण किया. समिति के वरीय सदस्य कामाख्या स्मृति भट्टाचार्य के द्वारा आरती किया गया. मौके पर श्री भट्टाचार्य के द्वारा भजन भी प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर बोलते हुए अध्यक्ष देवेश मोइत्रा ने कहा कि देश अभी भी नेताजी की कुर्बानी को याद करता है, पर उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को अभी तक राजनीतिक कारणों से दबा कर रखा गया है, यह भावनाओं को आहत करने वाला है. नेताजी की मृत्यु विमान दुर्घटना में हुई या नहीं, यह अभी तक देशवासियों से छुपा कर रखा गया है. वर्तमान केंद्र की सरकार ने दिल्ली के इंडिया गेट में नेताजी बोस की आदमकद प्रतिमा स्थापित की है, इसके लिए बंगाली समाज उनका आभारी है. साथ ही इस केंद्र सरकार से यह मांग भी करती है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु संबधी अटकलों पर विराम लगाते हुए, इसके जांच की अभिलेखों को सार्वजनिक किया जाए, ताकि नेताजी की मृत्यु रहस्य से पर्दा उठ सके.
इस अवसर पर बंगाली समिति के कार्यालय से सुभाष चौक तक शोभायात्रा निकाला गया. सुभाष चौक पर दुर्गा बाड़ी व बंगाली समिति की ओर से नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. कार्यक्रम में समिति के देवाशीष सेनगुप्ता, गौतम घोष, अमर कुमार भांजा, राजीव मुखर्जी, दिलीप घोष, दुर्गा बाड़ी के दिवेन्दु गुप्ता, शिवनाथ चटर्जी, जयंत विश्वास, सुकुमार पाल, बुआ भट्टाचार्य, मासूम आर्ट ग्रुप के मोहम्मद नसीम, राज प्रतीक पाल आदि मौजूद थे.
कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने मनाई नेताजी की जयंतीपलामू जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष जैश रंजन पाठक उर्फ बिट्टू पाठक के नेतृत्व में सुभाष चौक पर कार्यक्रम किया गया. माल्यार्पण के बाद जिला अध्यक्ष श्री पाठक ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है. उनके अंदर अद्भुत नेतृत्व क्षमता एवं पराक्रम था. मौके पर कांग्रेस के प्रदेश सचिव लक्ष्मीनारायण तिवारी, पूर्णिमा पांडेय, शमीम अहमद राइन, मिथिलेश सिंह, ईश्वरी सिंह, सत्येंद्र सिंह, जितेंद्र कमलापुरी, महानगर अध्यक्ष राजेश चौरसिया, हर्ष साहनी, मुकेश सिंह, सोनू खान, महिला जिला अध्यक्ष इंदु भगत, अल्पसंख्यक के जिला अध्यक्ष जीशान खान, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष मुन्ना खान, अशोक पासवान, देवांग शुक्ला, रविंद्र कुमार, खुर्शीद आलम, सौरभ पांडेय, अभिषेक चौधरी, आलोक सिंह सहित कई लोग मौजूद थे.
आम आदमी पार्टी ने मनाई सुभाष जयंतीआम आदमी पार्टी ने स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई. इसे लेकर शहर के सुभाष चौक पर कार्यक्रम हुआ. आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक चंद्रबली चौबे के साथ मुकेश नारायण दीक्षित, किशोर सिन्हा, डॉ गणेश प्रसाद, संजय राम, मुनेश्वर राम, लव कुमार तिवारी, मणि मोदनवाल सहित अन्य ने नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. पार्टी के जिला संयोजक चंद्रबली चौबे ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को युवाओं का प्रेरणास्रोत बताया.
कायस्थ महासभा ने मनायी जयंतीमंगलवार को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाया. महासभा के सदस्यों ने स्थानीय सुभाष चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम श्रीवास्तव एवं प्रदेश सचिव अरुंजय नारायण सिन्हा, स्नेह रंजन श्रीवास्तव ने नेताजी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला. मौके पर महासभा के पलामू जिलाध्यक्ष कमल किशोर, महासचिव लाल बहादुर सिंहा, कोषाध्यक्ष अमर सहाय, संजू श्रीवास्तव, संजय शरण, विशाल सिंहा के अलावा बबलू चावला, विजय गुप्ता सहित कई लोग मौजूद थे.
इप्टा ने मनायी जयंतीसुभाष चौक पर इप्टा ने भी नेताजी की जयंती मनायी. इस अवसर पर इप्टा के राज्य सचिव उपेंद्र कुमार मिश्रा, प्रेम प्रकाश अजीत ठाकुर, शशि पांडेय, संजीत दूबे, संजीव कुमार संजू, समरेश सिंह, राजीव रंजन, अमित कुमार उर्फ भोला ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद इप्टा के कलाकारों ने जनवादी गीत प्रस्तुत कर, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया. कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग मौजूद थे.
संत मरियम स्कूल में सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गईसंत मरियम स्कूल के चेयरमैन अविनाश देव ने उपस्थित शिक्षक व विद्यार्थियों के साथ संयुक्त रूप से सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर अविनाश देव ने कहा कि आज हम सभी को नेताजी के बेहतर विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है. घर से संपन्न, पढ़ने में तेज सुभाष चन्द्र बोस चाहते तो आराम से नौकरी कर, घर परिवार में व्यस्त हो जाते, मगर देश सेवा के प्रति प्रतिबद्ध नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना कर अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया. हम सभी को सदैव सुभाष चंद्र बोस से प्रेरणा लेना चाहिये. उक्त मौके पर उप प्राचार्य सहित सभी शिक्षक मौजूद रहें.
आनंद मार्ग स्कूल में मनी जयंतीशहर के नई मोहल्ला स्थित आनंद मार्ग स्कूल में मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127 वीं जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने नेताजी के तस्वीर पर माल्यार्पण किया. प्रधानाचार्य आचार्य ब्रज गोपालानंद अवधूत ने नेताजी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला. उन्होंने बच्चों को बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी की अग्रणी भूमिका थी, जिसे देश कभी भुला नहीं सकता. उनके जीवन दर्शन से सभी को सीख लेने की जरूरत है. मौके पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्य राकेश रंजन, शिक्षक दिनेश, संजय,पंकज नंदिनी, गायत्री सहित अन्य मौजूद थे.
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