PHOTOS: वीमेंस एशियन चैंपियनशिप ट्रॉफी 2023 में लहरा रहा है पलामू का नाम, इन तस्वीरों में देखें कैसे
झारखंड की राजधानी रांची में वीमेंस एशियन चैंपियनशिप ट्रॉफी 2023 का आयोजन किया गया है. टूर्नामेंट का रंगारंग आगाज हो चुका है. इन सबमें पलामू की भागीदारी कहीं नहीं है, पर टूर्नामेंट में चारों तरफ पलामू के चर्चे हो रहे हैं, उसका कारण है इस प्रतियोगिता का शुभंकर.
पलामू, सैकेत चटर्जी : हर खेल आयोजन का अपना अलग अलग शुभंकर होता है. रांची में आयोजित इस एशिया वीमेंस हॉकी प्रतियोगिता का शुभंकर एक हाथी है जो पलामू टाइगर रिजर्व की पालतू हथनी जूही पर आधारित है. यह शुभंकर या मास्केट इतना खूबसूरत बन पड़ा है की यह चर्चे का विषय बन गया है, और इसलिए लोगों के जुबान पर पलामू का नाम उमड़ घुमड़ रहा है.
जानिए कौन है जूही
जूही का उम्र 68 साल है. वो बेतला की पालतू हाथियों में सबसे उम्रदराज हथनी है, जूही को समकालीन अनारकली की मौत हो गई है, पर जूही अभी भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. पिछले कुछ समय से हालांकि उम्र जनित विमारी के कारण उसमे वो फुर्ती नही रही जिसके लिए वो जानी जाती थी. जूही और अनारकली की जुगलबंदी एक समय बेतला नेशनल पार्क का मुख्य आकर्षण था. उस समय इन दोनो हाथियों की सवारी होती थी. बेतला आने वाले पर्यटक एक निर्धारित शुल्क देकर इनका सवारी कर जंगल घूम सकते थे. ये एलिफेंट सफारी काफी मशहूर था. पर कोर्ट के एक आदेश के बाद एलिफेंट सफारी बंद हो गई है
पीटीआर प्रबंधन जूही के साथ आस पास के हॉकी खिलाड़ियों का परिचय कराया जा रहा है. इसके तहत पीटीआर के अंतर्गत आने वाले महुआडार, गारू आदि इलाके से हॉकी खिलाड़ियों को बेतला लाया जा रहा है. इनके साथ जूही का परिचय कराया जा रहा है, जूही को शुभंकर बनाए जाने की जानकारी दी जा रही है, साथ ही यह भी बताया जा रहा है की वन और वन्य प्राणीयों को बचाना , उनका संरक्षण तथा संवर्धन करना हमारी जिम्मेवारी है. इस सेशन से हॉकी खिलाड़ियों में काफी उत्साह है. उन्होंने बताया की इससे वे काफी खुश है और आने वाले दिनों में खेल के साथ साथ जंगल बचाने के लिए भी वे अपना योगदान देंगे.
जूही को एशिया विमेंस हॉकी प्रतियोगिता का शुभंकर बनाने पर पीटीआर प्रबंधन ने खुशी जाहिर की है. पीटीआर के उत्तरी प्रमंडल के उप निदेशक प्रजेशकांत जेना ने प्रभात खबर को बताया की यह काफी उत्साहजनक है, साथ ही गौरव की बात भी है. उन्होंने कहा की पलामू टाइगर रिजर्व के सुनहरे अध्यायों में एक पन्ना और जुड़ गया. श्री जेना ने कहा की आगामी दिनों में भी इसी तरह पलामू टाइगर रिजर्व और यहां के वन तथा वन्य जीवों को राष्ट्रीय पटल पर लाने का प्रयास किया जायेगा.
जूही को मस्कट या शुभंकर बनाने के बाद बेतला में भी खुशी का माहौल है. बेतला में कई पोस्टर और बैनर लगाए गए है. हॉकी प्रतियोगिता के कई कट आउट भी लगाए गए है. बेतला आने वाले बाहरी पर्यटक भी इस बात की जानकारी होने पर उत्साहित होकर जूही और उसके बैनर , पोस्टर के साथ सेल्फी खींच रहे है.
पलामू के रहने वाले राष्ट्रीय वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ दयाशंकर श्रीवास्तव ने प्रभात खबर को बताया की 1981 में बिहार के सोनपुर मेला से खरीदा गया था. उस समय उसका पहला महावत इमामुद्दीन था , जिसने जूही को काफी संजदगी से पाला था. शुरुआत में जूही इमामुद्दीन के आलावा किसी के हाथ से खाना भी नहीं खाती थी
जूही ने कई हस्तियों को घुमाया है जंगल
बेतला की पालतू हथनी जूही अपने पीठ पर देश के कई मशहूर हस्तियों को बैठकर जंगल घुमाया है. इनमे बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव, राज्यपाल के आर किदवई, झारखंड के कई मंत्रियों के अलावा बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु भी शामिल है. इसके अलावा फिल्म स्टार नाना पाटेकर, उत्पल दत्त, निर्देशक तपन सिन्हा सहित कई लोग जूही का सवारी कर जंगल घूमने का आनंद लिया है. जूही के पीठ पर बंगला फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने अभिनेता सह वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर सब्यसाची चटर्जी भी कई बार सवारी कर चुके है. जूही देश व विदेश के कई मशहूर फोटोग्राफर को भी जंगल सफारी में ले जाती रही है.