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चुनाव के पूर्व किये गये वादा पूरा करूंगा

झारखंड सरकार के वित्त मंत्री सह छतरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर शुक्रवार को नौडीहा बाजार प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाका करमा पाल्हे पहाड़ पर निवास करने वाले लोगों से मिलने पहुंचे.

वित्त मंत्री पलामू के पहाड़ी इलाका करमा पाल्हे गांव पहुंचे, कहा

पहाड़ी एरिया में चार किलोमीटर बनेगी सड़क

प्रतिनिधि, मेदिनीनगर

झारखंड सरकार के वित्त मंत्री सह छतरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर शुक्रवार को नौडीहा बाजार प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाका करमा पाल्हे पहाड़ पर निवास करने वाले लोगों से मिलने पहुंचे. यह गांव दो हजार फीट की ऊंचाई पर है. मंत्री को इस गांव में करीब चार किलोमीटर पहुंचने के लिए पहाड़ पर बाइक व पैदल भी चलना पड़ा. गांव पूरी तरह से पहाड़ से घिरा हुआ है. इस गांव में आदिम जनजाति व भुइयां जाति के करीब 70 परिवार के लोग बसे हुए हैं. मंत्री श्री किशोर ने गांव पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुना. स्थानीय व्यक्ति गोपाल सिंह खरवार ने बताया कि गांव में कोई बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं है. पिछले आठ वर्षों से स्कूल को मर्ज कर देने के बाद बच्चों की पढ़ाई छूट गयी है. बीमार होने के बाद स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था नहीं है. करीब 10 किलोमीटर सरइडीह गांव जाना पड़ता है. आधार कार्ड नहीं होने से सरकार की कई योजनाएं भी नहीं मिल पाती है. गांव के लोगों को 10 किलोमीटर दूर सरइडीह जाकर जन वितरण प्रणाली का अनाज लेना पड़ता है. आजादी के बाद से यह गांव विकास से उपेक्षित है. मंत्री श्री किशोर ने कहा कि सड़क प्राथमिकता के आधार पर बनायी जायेगी. उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व जो वादा किया गया था. उसको पूरा किया जायेगा. यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस गांव के मध्य विद्यालय में एक माह के अंदर विद्यालय में पढ़ाई शुरू हो जायेगी. उन्होंने खुलवाने का निर्देश दिया. सिंचाई के लिए बड़ा आकार का तालाब बनाया जायेगा. पेयजल के लिए चापाकल लगाया जायेगा. उन्होंने कहा कि अनाज पहुंचाने की व्यवस्था करायी जायेगी. मंत्री श्री किशोर ने कहा कि कैबिनेट की बैठक निर्णय लिया गया है कि सुदूर इलाकों में बसे लोगों को आवागमन मुहैया कराने के लिए सरकार प्राथमिकता के आधार पर कार्य करेगी. वन क्षेत्र होने के कारण सड़क का कार्य नहीं हो पता है, लेकिन सरकार वन विभाग को राशि मुहैया करायेगी. विभाग स्तर से सड़क बनाने का कार्य कराया जायेगा, ताकि सुदूरवर्ती इलाकों में बसे लोगों को सुविधा मिल सके. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि अधिकारियों को संवेदनशील होना चाहिए. बताया की गांव में 30 घर परहिया परिवार, 25 घर खरवार जाति व 15 घर भुइयां जाति के लोगों का है. जानकारी के अनुसार यह गांव इतने दुर्गम स्थान पर है कि गांव की लड़कियों की शादी करने कोई नहीं आता है. यहां कोई लड़की देना नहीं चाहता. अगर शादी भी होती है तो डोली पहाड़ पर चढ़ती है. तब दुल्हन घर तक आती है. सबसे बड़ी समस्या जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है. तो उसे काफी संकट का सामना करना पड़ता है. बीमारी की स्थिति में खाट पर या साइकिल पर टांग कर रोगी को नीचे उतरना पड़ता है. स्वास्थ्य सुविधा बहाल नहीं है. इस इलाके में अब तक पलामू के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा, पूर्व डीसी ए दोडडे पहुंचे थे. इसके बाद अभी तक इस गांव में कोई जनप्रतिनिधि व अधिकारी नहीं पहुंचे हैं. यह गांव दुर्गम इलाका माना जाता है. इस गांव के दो लड़की माओवादी में शामिल थी, जो मुठभेड़ में मारी गयी थी. मौके पर अरुण सिंह, रविंद्र सिंह, राजकमल तिवारी, प्रशांत किशोर, लक्ष्मण दुबे, ईश्वरी पांडेय सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे.

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