Indian Navy Officer Murder Case Update : नेवी अफसर की मुंबई में हत्या को लेकर झारखंड के लोगों का फूटा गुस्सा, की ये मांग
नेवी अफसर सूरज कुमार दुबे (27) की हत्या की सीबीआइ से जांच कराने की मांग को लेकर रविवार को पलामू के लोग सड़क पर उतरे. मेदिनीनगर में रविवार की शाम परशुराम सेना युवा वाहिनी की अगुवाई में कैंडल मार्च निकाला गया. रेड़मा चौक से पुलिस स्टेडियम तक निकले मार्च में सैकड़ों लोग शामिल थे. सभी मांग कर रहे थे कि हत्या की सीबीआइ से जांच हो. लोगों का कहना है कि मामले को अलग रूप देने का प्रयास हो रहा है.
palamu navy officer murder case update in hindi, navy officer murder news update mumbai पलामू : नेवी अफसर सूरज कुमार दुबे (27) की हत्या की सीबीआइ से जांच कराने की मांग को लेकर रविवार को पलामू के लोग सड़क पर उतरे. मेदिनीनगर में रविवार की शाम परशुराम सेना युवा वाहिनी की अगुवाई में कैंडल मार्च निकाला गया. रेड़मा चौक से पुलिस स्टेडियम तक निकले मार्च में सैकड़ों लोग शामिल थे. सभी मांग कर रहे थे कि हत्या की सीबीआइ से जांच हो. लोगों का कहना है कि मामले को अलग रूप देने का प्रयास हो रहा है.
किसी के साथ सूरज दुबे की कोई दुश्मनी नहीं थी, तो ऐसे में आखिर पीछा कर कोई सूरज दुबे की हत्या क्यों करेगा? इसके पीछे कोई गहरी साजिश है, जिसका खुलासा सीबीआइ जांच से ही संभव है. पलामू सांसद वीडी राम, भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही और डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया ने भी हत्या की निंदा करते हुए सीबीआइ जांच की मांग की है. देर शाम पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर सूरज दुबे के गांव पलामू के चैनपुर स्थित पूर्वडीहा पहुंचे और परिजनों से मिले. उन्होंने कहा कि घटना दुखद है.
इस मामले में सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जायेगी. रविवार की देर शाम सूरज का शव मुंबई से रांची एयरपोर्ट लाया गया. यहां से सूरज के शव को देर रात उसके चैनपुर स्थित पूर्वडीहा गांव भेज दिया गया है. जानकारी के अनुसार, सोमवार को उनका अंतिम संस्कार होगा.
मृत्यु से पहले सूरज ने दिया था बयान :
ज्ञात हो कि 30 जनवरी को चेन्नई एयरपोर्ट से तीन अपराधियों ने सूरज का अपहरण कर लिया था. 10 लाख रुपये फिरौती नहीं मिलने पर महाराष्ट्र के पाल घर में अपराधियों ने उन्हें जिंदा जलाकर नाले में फेंक दिया था. पुलिस के मुताबिक सूरज को जलते हुए एक व्यक्ति ने देखा था. उसके बाद पुलिस को जानकारी दी थी. इसके बाद पुलिस ने उन्हें अस्पताल में भरती कराया था. जहां होश में आने के बाद उन्होंने बताया था कि तीन अपराधियों ने मिलकर उनका अपहरण चेन्नई से किया था. इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गयी.
पुलिस की कार्यशैली पर उठाया सवाल :
सूरज दुबे के परिजनों ने पलामू के चैनपुर और चेन्नई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है. सूरज के पिता मिथिलेश दुबे का कहना है कि उनके बेटे का पता नहीं चल रहा था. वह अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पलामू के चैनपुर थाना गये थे. तब उन्हें यह कहा गया कि यह मामला चेन्नई से जुड़ा हुआ है. इसलिए इस मामले की प्राथमिकी चेन्नई में ही दर्ज हो पायेगी. चेन्नई में उन्होंने अपने दामाद अमरेंद्र तिवारी को भेजा था.
तब वहां की पुलिस ने कहा कि लोकल थाना में ही मामला दर्ज करायें. इसी में मामला उलझ गया. मिथिलेश दुबे का कहना है कि यदि पुलिस समय पर सक्रिय हो जाती, तो उनके पुत्र की जान बच सकती थी. उनका कहना है कि एक फरवरी को सारे मामले की सूचना दी गयी थी, पर यहां से दो फरवरी को फैक्स भेजा गया. प्रक्रिया में विलंब से ही पुत्र की जान गयी.
Posted By : Sameer Oraon