गुमला : चार साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में जारी थाना के अनुसंधानकर्ता (आइओ) की लापरवाही से बेकसूर नि:शक्त लेपड़ा खेरवार तीन साल से जेल में है. घटना के असल आरोपी अमित कुजूर ने ही इसका खुलासा किया है. 16 अगस्त 2020 को हुए दुष्कर्म के एक अन्य मामले में पकड़े जाने के बाद उसने कोर्ट में यह बात कबूल की. दुष्कर्म का असली आरोपी सिकरी निवासी अमित कुजूर विकृत प्रवृत्ति का है. उसने कोर्ट में बयान दिया है कि 20 अक्तूबर 2017 की शाम सात बजे उसने गांव की ही चार वर्षीय बच्ची को अकेला पाकर उठा लिया था और दुष्कर्म किया था. बाद में उसे घर भेज दिया. रास्ते में बच्ची को गांव का ही नि:शक्त लेपड़ा खेरवार मिला, जिसने बच्ची को उसके घर पहुंचाया.
बच्ची के परिजन ने लेपड़ा को ही आरोपी समझ कर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी. घटना के बाद अमित कुजूर कोलकाता भाग गया. दो साल बाद वह घर लौटा. 16 अगस्त 2020 की शाम 7:30 बजे वह गांव के एक घर में घुसा और वहां अकेली सो रही बच्ची को उठा कर उसके साथ भी दुष्कर्म किया. इस मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई, तो उसने अपना पुराना जुर्म भी कबूल किया और बताया कि नि:शक्त लेपड़ा बेगुनाह है.
पीड़िता के परिवार ने अमित को आरोपी बनाने की मांग की थीदुष्कर्म के आरोप में लेपड़ा की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में सुनवाई का दौर शुरू हुआ. इसी बीच पीड़िता के परिजन को पता चला कि अमित कुजूर फरार है. उन्हें शंका हुई कि उनकी बच्ची से दुष्कर्म अमित ने ही किया है.
इसके बाद पीड़िता की मां, पिता व गांव के जगरनाथ खेरवार ने कोर्ट में लेपड़ा को नि:शक्त व मानसिक रोगी बताते हुए मुख्य आरोपी अमित कुजूर को बनाने की अपील की. अपर लोक अभियोजक चंपा कुमारी ने भी कोर्ट में 29 अगस्त 2018 को इसके लिए आवेदन दिया था. लेकिन, अनुसंधानकर्ता ने से गंभीरता से नहीं लिया, जिसकी वजह से लेपड़ा आज तक जेल में है.
आइओ की लापरवाही से बेगुनाह लेपड़ा तीन साल से जेल में है. जबकि, असल आरोपी अमित कुजूर फरार था. अब असल आरोपी की गवाह के आधार पर लेपड़ा को रिहा करने के लिए कोर्ट में पिटीशन डाला जायेगा. साथ ही केस के आइओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिया जायेगा. जितेंद्र कुमार, लेपड़ा खेरवार के अधिवक्ता
Post by : Pritish Sahay