झारखंड : गंगोत्री से देवघर तक साइकिल यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनेंगे 12 साल के सुतत्व रिजु
झारखंड के 12 साल के सुतत्व रिजु गंगोत्री से देवघर तक साइकिल यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनेंगे. रांची एसएसपी ने हरी झंडी दिखाकर इस यात्रा की शुरुआत कराई. इस यात्रा में सुतत्व विश्व साइक्लिंग का संदेश भी देंगे.
पलामू, सैकत चटर्जी : उत्तराखंड के गंगोत्री से झारखंड के देवघर तक करीब 2000 किलोमीटर तक साइकिल यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनने के लिए रांची के सुतत्व रिजु ने अपनी यात्रा प्रारंभ कर दी है. इसकी शुरुआत रांची से की गई है. गुरुवार को रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर इस रिकॉर्ड यात्रा के लिए सुतत्व रिजु को रवाना किया. इस अवसर पर एसएसपी चंदन सिन्हा एवं उनकी धर्मपत्नी और समाज कल्याण निदेशालय की सहायक निदेशक कंचन सिंह ने सुतत्व को अग्रिम बधाई देते हुए उसके साहस व जज्बे की प्रशंसा की साथ ही उसके उज्जवल भविष्य के लिए कामना की. बता दें कि 12 वर्षीय सुतत्व रिजु मूल रूप से पलामू के रहने वाले हैं. सुतत्व के इस यात्रा में उनके सहयोगी के रूप में गाड़ी के साथ उनके पिता सौमित्रो बोराल रहेंगे.
कक्षा सात का छात्र है सुतत्व
सुतत्व रांची के एएसटीवीएस (+2) जिला विद्यालय के कक्षा सात के छात्र है. उनकी उम्र महज 12 वर्ष की है. पढ़ाई में भी वह मेधावी है, लेकिन इस वक्त वह अपना पूरा ध्यान साइक्लिंग पर लगाये हुए है. इस लंबी दूरी यात्रा के लिए विद्यालय से भी उसे विशेष अवकाश दिया गया है.
यह यात्रा विश्व शांति को समर्पित है
सुतत्व रिजु की गंगोत्री से देवघर तक की साइकिल यात्रा विश्व शांति को समर्पित है. अपनी यात्रा के दौरान सुतत्व जगह-जगह पर विश्व शांति का संदेश देता हुआ आगे बढ़ेगा. सुतत्व के पिता सौमित्रो बोराल ने बताया कि सुतत्व विश्व शांति यात्रा के लिए गंगोत्री (उत्तराखंड) से देवघर (झारखंड) तक के 2000 किलोमीटर की सफर अपने साइकिल द्वारा करने वाले प्रथम भारतीय बनेंगे.
यात्रा के मौके पर ये थे मौजूद
यात्रा के मौके पर सुतत्व के माता-पिता सौमित्रो व शालिनी बोराल, साइकिल प्रशिक्षक राम भट्ट, लक्ष्मण सर और डॉ. प्रवीर कुमार, संजय गुप्ता, सुबोध असवाल आदि ने उपस्थित होकर इस यात्रा को पूरा कर सफल होने के लिए रिजु को शुभकामनाएं दी. इस पूरे सफर में उसके पिता सौमित्रो बोराल वाहन द्वारा उसके साथ-साथ आवश्यक सामग्री के साथ चलेंगे.
कई समूहों ने किया मदद
विश्व शांति का संदेश साथ लिए साइकिल से चलने वाले सुतत्व रिजु की इस पूरी साइक्लिंग यात्रा के लिए रांची के व्यापारी समूह, डॉक्टर समूह, कई विभागों के पदाधिकारियों, मित्र और परिवारजनों के द्वारा होने वाले खर्च के वहन में आर्थिक सहयोग दिया गया. सुतत्व के पिता ने सभी का आभार व्यक्त किया.
देश के लिए ओलिंपिक गोल्ड लाना है लक्ष्य
अपनी यात्रा की शुरुआत करते हुए सुतत्व ने प्रभात खबर को बताया कि उसका लक्ष्य ओलिंपिक खेल में देश के लिए साइक्लिंग में गोल्ड मेडल लाना है. उन्होंने आगे कहा मालूम है कि यह लक्ष्य कठिन है, पर इसे हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता रहूंगा.
पलामू के मेदिनीनगर का रहने वाला है सुतत्व
सुतत्व रिजु पलामू का प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के सत्तार सेठ चौक का रहने वाला है. उसने साइक्लिंग की शुरुआत पलामू से ही की, यहां उसने पर्यावरण संरक्षण का संदेश के साथ पलामू टाइगर रिजर्व के कई यात्रा किए. साइक्लिंग के बेहतर अभ्यास के लिए सुतत्व फिलहाल रांची में रह रहा है.
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