पेयजल व पलायन की समस्या से उबर नहीं सका डालटेनगंज, रिकॉर्ड 6 बार जीते नामधारी

Jharkhand Assembly Election: झारखंड के डालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्या पेयजल व पलायन है. इस क्षेत्र का नामचीन लोगों ने नेतृत्व किया.

By Mithilesh Jha | July 16, 2024 6:20 PM

Jharkhand Assembly Election|मेदिनीनगर, चंद्रशेखर सिंह : डालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक छह बाद इंदर सिंह नामधारी विधायक चुने गये हैं. वर्तमान में इस सीट से भाजपा के आलोक चौरसिया विधायक हैं. श्री चौरसिया वर्ष 2014 में झाविमो के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे. चुनाव जीतने के बाद वे भाजपा शामिल हो गये.

संविधान सभा के सदस्य गोपा बाबू डालटेनगंज के पहले विधायक बने

पिछले चुनाव में उन्हें भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया. वे फिर विधायक चुने गये. डालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई, जल संकट व पलायन प्रमुख समस्या रही है. वर्ष 1952 में पहले विधायक संविधान सभा के सदस्य अमिये कुमार घोष उर्फ गोपा बाबू बने. दूसरी बार स्वतंत्रता सेनानी उमेश्वरी चरण उर्फ लल्लू बाबू विधायक चुने गये. वरिष्ठ अधिवक्ता सच्चिदानंद त्रिपाठी भी क्षेत्र से विधायक रहे हैं.

पेयजल व पलायन की समस्या से उबर नहीं सका डालटेनगंज, रिकॉर्ड 6 बार जीते नामधारी 6

स्वतंत्रता सेनानी पूरनचंद 4 बार रहे डालटेनगंज के विधायक

स्वतंत्रता सेनानी पूरनचंद 4 बार इस क्षेत्र का विधायक रहे हैं. इंदर सिंह नामधारी इस विधानसभा क्षेत्र का रिकॉर्ड 6 बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वर्ष 1985 में ईश्वर चंद्र पांडेय को इस विधानसभा क्षेत्र की जनता ने एक बार सेवा करने का मौका दिया था. इसके बाद लगातार इंदर सिंह नामधारी प्रतिनिधित्व करते रहे. वर्ष 2009 में इंदर सिंह नामधारी ने अपने पुत्र दिलीप सिंह नामधारी को भाजपा के टिकट पर मैदान में उतारा, पर वह चुनाव जीत नहीं सके.

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केएन त्रिपाठी ने एक बार किया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व

कांग्रेस के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी को प्रतिनिधित्व करने मौका का मिला था. पिछले दो बार से लगातार डालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र से आलोक चौरसिया विधायक निर्वाचित होते रहे हैं. वर्ष 2014 में झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) चुनाव जीते थे. इसके बाद भाजपा में शामिल हो गये. वर्ष 2019 में भाजपा के प्रत्याशी के रूप में आलोक चौरसिया चुनाव लड़े और विजयी रहे.

समस्या को लेकर झारखंड सरकार गंभीर नहीं : आलोक चौरसिया

विधायक आलोक कुमार चौरसिया ने कहा कि विस क्षेत्र में हर क्षेत्र में विकास हुआ है. सड़कों का जाल बिछाया गया है. पेयजल को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र सरकार के द्वारा नल-जल योजना से पीएचइडी के द्वारा कार्य शुरू किया गया है. कोयल नदी से पानी उठाव कर लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि मेदिनीनगर शहरवासियों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कोयल नदी में बियर बनाने की मांग सदन में दो बार रखने का काम किया हूं, लेकर राज्य सरकार की मंशा ठीक नहीं. इसे लंबित रखा गया है. मेदिनीनगर-शाहपुर पर पुल की स्वीकृति मिल चुकी है. जल्दी निविदा निकाली जायेगी.

डालटेनगंज शहर में पानी की घोर किल्लत है. सड़क बनाने के नाम पर धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई हो रही है. इससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. सरकार प्रतिवर्ष पौधा लगा रही है लेकिन उसकी सुरक्षा नहीं होने से नष्ट हो जा रहा है.

सुरेश कुमार जैन, व्यवसायी

10 वर्षों से नहीं हुआ विकास कार्य : केएन त्रिपाठी

झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि डालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र का विकास पूरी तरह से ठहर गया है. 10 वर्ष पहले उनके कार्यकाल में जो कार्य कराया गया था, उससे एक कदम भी आगे विकास का कार्य नही बढ़ा है. श्री त्रिपाठी ने कहा कि उनके कार्यकाल में बजराहा व चेडाबार के बीच कोयल नदी पर जो पुल बनाया गया है, 10 साल में उसका अप्रोच मार्ग भी नही बन सका. बल्कि वह पुल क्षतिग्रस्त हो गया. पेयजल की समस्या का समाधान नही हुआ. मेडिकल कालेज पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं हो पाया है. इसका अपना अस्पताल भी नही है. इस कारण लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नही मिल पा रहा है. सड़कें टूट रही हैं. जनप्रतिनिधि चैन की बांसुरी बजा रहे हैं.

विस क्षेत्र की नावाडीह पंचायत के हिसरा गांव व अहरा टोली के लोग आज भी चुआड़ी व भटकुआं से पानी पीते हैं. सड़क की स्थिति जर्जर है. बिजली भी नहीं पहुंची है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन मई 2023 में नावाडीह में जनसंवाद किया था, लेकिन समस्याएं दूर नहीं हुई है.

सविता देवी, सामाजिक कार्यकर्ता

खनिज संपदा के बावजूद लोग पलायन के लिए मजबूर – एक्सपर्ट

प्रोफेसर सुभाष चंद्र मिश्रा ने कहा कि पलामू में खनिज संपदा होने के बाद भी यहां के लोग रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं. विश्वविद्यालय की स्थापना होने बाद भवन निर्माण में अरबों रुपये खर्च किये गये, लेकिन आधारभूत संरचना का घोर अभाव है. ऐसे में शिक्षा व्यवस्था की बात बेमानी होगी. प्रमंडल के लोगों को आशा जगी थी कि मेडिकल कॉलेज होने के बाद स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी, लेकिन सिर्फ सपना ही रह गया. प्रोफेसर श्री मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने दायित्व को समझना होगा.

डालटेनगंज विधानसभा में मुख्य समस्या पेयजल, सिंचाई और पलायन

डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण इलाकों में पेयजल की घोर समस्या है. सिंचाई के नाम पर अरबों खर्च के बाद भी पलामू प्यासा है. चैनपुर प्रखंड में चांदो गांव स्थित बुटन डूबा डैम करोड रुपये से कैनाल का निर्माण व गेट लगाया गया, लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है. नियोजित विकास का अभाव, आधारभूत संरचना का धीमी गति से क्रियान्वयन हुआ है. हालांकि पिछले डेढ़ दशक में डालटेनगंज एवं उसके आसपास क्षेत्र में विकास की गति तेज हुई है.

मेडिकल कॉलेज व सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण

विधानसभा क्षेत्र के डालटेनगंज शहर के पोखराहा में मेडिकल कॉलेज और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण हुआ है. फोरलेन सड़क मेदिनीनगर बाईपास का निर्माण लगभग पूरा होने को है. हालांकि पिछले 10 वर्षों से कोयल नदी के दोनों तरफ को जोड़ने के लिए आज भी पुल सुलभ स्थिति में नहीं है.

कोयल नदी के तट पर बसा डालटेनगंज.

10 साल में भी नहीं बन पाया पुल का एप्रोच पथ

कोयल नदी पर पिछले 10 वर्षों से पूर्वडीहा व चेडाबार गांव के बीच बने पुल का एप्रोच पथ का कार्य पूरा नहीं हो सका, जिसकी वजह से आवागमन आज तक शुरू नहीं हो पाया. पुल की स्थिति भी जर्जर हो चुकी है. शहर में पेयजल के लिए वर्ष 2016 में फेज टू का कार्य शुरू हुआ, लेकिन कुछ कारणों से बंद हो गया. निगम क्षेत्र के शहरी इलाके के लोग आज भी पेयजल की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. नियमित विकास नहीं होने से बड़े पैमाने पर मजदूर रोजगार के अभाव में पलायन कर रहे हैं.

2009 विधानसभा चुनाव के परिणाम

उम्मीदवार का नामपार्टी का नामप्राप्त मत
केएन त्रिपाठीकांग्रेस43571
दिलीप नामधारीभाजपा39338

2014 विधानसभा चुनाव के परिणाम

उम्मीदवार का नामपार्टी का नामप्राप्त मत
आलोक चौरसियाजेवीएम59202
केएन त्रिपाठीकांग्रेस43571

2019 विधानसभा चुनाव के परिणाम

उम्मीदवार का नामपार्टी का नामप्राप्त मत
आलोक चौरसियाभाजपा103698
केएन त्रिपाठीकांग्रेस82181

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