Jharkhand Election: पलामू में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतने का रहा है इतिहास

पलामू के नेताओं का अपने राजनीतिक दमखम कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतने का भी लंबा इतिहास रहा है. इंदर सिंह नामधारी, विदेश सिंह, विनोद सिंह, अवधेश कुमार सिंह के नाम इस सूची में शामिल हैं.

By Nitish kumar | October 20, 2024 10:11 AM

Jharkhand Election, पलामू, अविनाश: पलामू के नेताओं का अपने राजनीतिक दमखम कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतने का भी लंबा इतिहास रहा है. इंदर सिंह नामधारी, विदेश सिंह, विनोद सिंह, अवधेश कुमार सिंह के नाम इस सूची में शामिल हैं. 1972 में अवधेश कुमार सिंह (अब दिवंगत) ने हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज कर सबको चौंकाया था. उन्होंने जगनारायण पाठक जैसे कद्दावर नेता को हराया था. 1977 में विश्रामपुर विधानसभा सीट से विनोद सिंह ने (अब दिवंगत) निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था. वहीं, 1980 में हुए चुनाव में विनोद सिंह ने जनता पार्टी के टिकट पर विश्रामपुर से चुनाव जीता था. पार्टी से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व मंत्री संकेटश्वर सिंह उर्फ संतु सिंह (अब स्वर्गीय) ने पांकी से चुनाव जीता था. वह कांग्रेस के स्थापित नेता थे, लेकिन 1995 के चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया.

वर्ष 2007 में डाल्टेनगंज विधानसभा का उपचुनाव इंदर सिंह नामधारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और जीत दर्ज की. 2005 में वह जदयू के टिकट पर डाल्टेनगंज विस से निर्वाचित हुए थे. 2007 में पलामू में लोकसभा उपचुनाव के दौरान उपजे विवाद के कारण नामधारी ने पार्टी छोड दी थी. विधायकी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इसी तरह 2009 के विधानसभा चुनाव में विदेश सिंह (अब स्वर्गीय )ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पांकी विस से चुनाव लड़ कर जीत दर्ज की थी. 2005 का चुनाव विदेश सिंह ने राजद से लड़ा था. लेकिन, 2009 के चुनाव में राजद ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ कर अपना राजनीतिक दमखम दिखाया था.

Also Read : Jharkhand Assembly Election: चंपाई सोरेन ने बढ़ाया सियासी तापमान, JMM व भाजपा में होती रही है कांटे की टक्कर

Next Article

Exit mobile version