पीटीआर का सबसे रोमांचक और आकर्षक रात बिताने का जगह है सरानाडीह. एशिया के एकमात्र भेड़िया आश्रयणी में स्थित सरनाडीह वन बंगलो के सामने से बहता नदी, प्रांगण में लिपटास के ऊंचे पेड़, पीछे फैला पहाड़, चारो तरफ का घना जंगल और निस्ताब्धता इसे खास बनाती है. बेतला से इसकी दूरी तकरीबन दो घंटे की है. यहां दो कमरे है, जिसका किराया 1300 रुपये प्रति रात है, ( मेंटेटेंस चार्ज अलग से).
महुआदार फॉरेस्ट रेस्ट हाउस खूबसूरत तो नही पर आपात स्थिति में आपकी रात गुजारने की जरूरत को पूरी कर सकती है, इसमें दो कमरे है जहां आप कम सुविधाओं के साथ रात गुजार सकते है. इसका किराया 1300 रुपये प्रति रात है, ( मेंटेटेंस चार्ज अलग से).
झारखंड से होकर बंगाल जाने वाली कर्क रेखा के बीच स्थित अक्सी वन बंगलो का अपना अलग ही रुतवा है. बेतला से महुआदार जाने के रास्ते अकसी चेकनाका के पास स्थित है बंगलो. काफी समय से ये बंगलो उदासीनता का शिकार था, पर इन दिनों ये फिर से अपने पूरे शबाब पर है, कारण पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मुकेश कुमार के काल में इसका नवीनीकरण किया गया. अब यह पर्यटकों के लिए तैयार है. यहां दो कमरे है, जिसका किराया 1300 रुपये प्रति रात है, ( मेंटेटेंस चार्ज अलग से).
ओल्ड कॉटेज के सामने मैदान में कुल चार ट्री हाउस है, अंदर लकड़ी से बना यह काटेज बेहद खूबसूरत है, इसके बनावट और सजावट इसे खास बतानी है. इसके बेलकोनी में बैठकर सामने खड़ा हुलुक पहाड़ के ओट से आहिस्ता आहिस्ता चांद का निकलना पर्यटकों को रोमांस के रोमांच से रोमांचित कर देता है. इसका किराया 1800 रुपये प्रतिरात्रि है.
बेतला के बाद पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा जगह मरोमार है, जहां का ओल्ड कॉटेज बंगाली पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. बेतला से यहां पहुंचने में तकरीबन एक घंटा लगता है. ओल्ड कॉटेज में अटैच बाथरूम के साथ दो रूम है जिसका किराया 1300 रुपया एक रात का है (मेंटेनेंस चार्ज अलग से). इसके साथ कॉमन डाइनिंग रूम भी है, सामने के बरामदे में बैठ खामोशी से प्रकृति में डूब जाना इस जगह को खास बनाती है.
अगर आप अडभेंचर प्रिय है, कुछ रोमांच चाहते है तो, हिम्मत है तो रुकिए रुद में. गारू चौक से बाई सड़क पकड़ कर आपको आना होगा रुद. फॉरेस्ट चेक नाका के सामने ही है यह खूबसूरत बंगलो, पहुंचते ही इसकी पुरानी बनावट आपको खींच लेगी अपनी ओर. सामने से कोयल नदी का बहना, घने जंगल, पंछियों का अनवरत चहकना आपको अकेले रहने नही देगा, रात को घना अंधेरा, चांद को रोशनी, टिमटिमाता जुगनू, आपको एक अलौकिक दुनिया में ले जाएगा. लंबे समय तक जर्जर स्थिति में रहने के बाद इसे फिर से तैयार किया गया है, यहां ठहरने के लिए दो कमरे है, किराया 1300 रुपये प्रति रात है, ( मेंटेटेंस चार्ज अलग से).
अमूमन यह पर्यटकों के लिए कम ही उपलब्ध होते है, इसकी बनावट भी पर्यटकों को आकर्षित नही करती. प्रशासकीय दृष्टिकोण से इसकी महत्व काफी है. जरूरत होने पर पर्यटक भी रुकते है. यहां दो कमरे है, किराया 1300 रुपये प्रति रात है.
बारेसार फॉरेस्ट रेस्ट हाउस पर्यटकों के लिए काफी सुविधाजनक है, जिन्हे जंगल की तन्हाई, अंधेरा, खामोशी से डर हो वो यहां रुक सकते है, बेतला से नेतरहाट जाने के मुख्य सड़क से सटे इस बंगलो की खूबसूरती पर्यटकों को लुभाती है. इसके पास में कई होटल और दुकान भी है, इसके दो कमरे है. किराया 1300 रुपये प्रति रात है.
रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू