Jharkhand Municipal Election 2022: नगर निकाय चुनाव को लेकर पलामू में राजनीतिक सरगर्मी तेज
पलामू में नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गयी है. इस बार मेदिनीनगर में मेयर का पद प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. हर कोई अभी से ताल ठोंकना शुरू कर दिया है. इसके अलावा विश्रामपुर नगर परिषद के अलावा हुसैनाबाद, छतरपुर एवं हरिहरगंज नगर पंचायत में राजनीतिक सक्रियता तेज हो गयी है.
Jharkhand Municipal Corporation Election 2022: झारखंड में नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections) को लेकर तैयारी चल रही है. पलामू जिला में मेदिनीनगर नगर निगम, विश्रामपुर नगर परिषद के अलावा हुसैनाबाद, छतरपुर एवं हरिहरगंज नगर पंचायत के चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारी तेजी हो गयी है. निर्वाचन आयोग ने इन सभी नगर निकायों के वार्ड पार्षद पद का आरक्षण निर्धारित कर दिया है, लेकिन मेयर एवं अध्यक्ष पद का आरक्षण अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है.
2017 में मेदिनीनगर नगर निगम का मिला दर्जा
पलामू में नगर निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज जोरों पर है. वैसे भी पलामू को झारखंड राज्य की राजनीतिक राजधानी के रूप में जाना जाता है. बात अगर मेदिनीनगर नगर निगम चुनाव (Medininagar Municipal Corporation Election) की करें, तो इस बार मेयर एवं वार्ड पार्षद पद का सीधा चुनाव होना है. नगर निगम का यह दूसरा चुनाव है. वर्ष 2017 में मेदिनीनगर नगर परिषद को प्रमोट कर सरकार ने निगम का दर्जा दिया था.
अरुणा शंकर बनी पहली मेयर
वर्ष 2018 में निगम का पहला चुनाव हुआ था. निगम बनने के बाद पहले चुनाव में लगभग 50 वर्षों के राजनीतिक विरासत को ध्वस्त कर अरुणा शंकर प्रथम मेयर बनी थी. पिछले चुनाव की स्थिति पर गौर करें, तो नगर परिषद की चेयरमैन पूनम सिंह को निगम के प्रथम चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा था. बताया जाता है कि अंदरूनी विवाद के कारण एक ही परिवार के दो सदस्य चुनाव मैदान में थे. इस कारण पूनम सिंह को अपनी परंपरागत सीट पर पराजय का मुंह देखना पडा था, लेकिन इस बार चुनाव की तारीख और सीट के आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के पहले ही उनके परिवार के बीच एका हो चुकी है और इस बार अपनी खोयी राजनीतिक विरासत एक बार फिर से हासिल करने के लिए पूनम सिंह सक्रियता के साथ चुनावी मैदान में उतर चुकी है. पूनम सिंह खुद नगर परिषद की अध्यक्ष रह चुकी है और नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह की पतोहू है.
पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी के भाई ने ठोंकी ताल
एक तरफ जहां पूनम सिंह अपने कार्यकाल में किए गए कार्य एवं व्यवहार के बाल पर अपनी राजनीतिक विरासत की वापसी के लिए प्रयासरत हैं. वहीं, दूसरी तरफ निगम की मेयर अरुणा शंकर ने विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है. कई ऐसे भावी प्रत्याशी भी हैं जो राजनीतिक परिवर्तन के लिए अपने आप को विकल्प के रूप में पेश कर रहे है. इस बार का नगर निगम का चुनाव कई दिग्गज राजनीतिज्ञों के लिए भी प्रतिष्ठा का विषय बन सकता है, क्योंकि पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी के भाई धनंजय त्रिपाठी भी इस बार मेयर पद का चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं. पूर्व मंत्री श्री त्रिपाठी ने खासमहाल मुद्दे पर सक्रियता दिखाकर और निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए यह जाहिर कर चुके हैं कि इस बार का मेयर चुनाव उनके लिए प्रतिष्ठा का विषय है.
संभावित प्रत्याशियों ने जनसंपर्क अभियान किया तेज
इसी तरह भाजपा विधायक आलोक चौरसिया के विधायक प्रतिनिधि राजकुमार गुप्ता उर्फ ट्विंकल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष परशुराम ओझा, निगम के डिप्टी मेयर राकेश कुमार सिंह उर्फ मंगल सिंह, नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज सिंह, झामुमो नेता सुनील तिवारी की पत्नी निर्मला तिवारी, दीपक तिवारी, श्री महावीर नवयुवक दल के अध्यक्ष युगल किशोर चंद्रवंशी ताल ठोंक रहे हैं. मेयर के सभी संभावित प्रत्याशियों ने जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है.
रिपोर्ट : राकेश पाठक, मेदिनीनगर.