पलामू पुलिस ने जिन 4 लोगों को उग्रवादी बता कर पकड़ा वो CID जांच में निकले निर्दोष, जानें क्या है मामला

पलामू पुलिस ने मुठभेड़ में शामिल होने के आरोप में जिन चार लोगों को पकड़ा था वो सीआईडी जांच में निर्दोष करार दिये गये. ठोस साक्ष्य नहीं मिलने मिलने पर इसकी फाइनल रिपोर्ट न्यायलय में भेज दी गयी है. बता दें कि ये केस नौ फरवरी 2018 को हुई थी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 4, 2021 7:02 AM

पलामू : पलामू के नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र में पलामू पुलिस ने मुठभेड़ में शामिल होने के आरोप में जिन चार लोगों को उग्रवादी करार दिया था, वह सीआइडी की जांच में निर्दोष निकले. आरोपी बनाये गये लोगों में सुरेश ठाकुर, राजेश ठाकुर, अजय भुईया और रूबी कुमारी शामिल थे. इनके खिलाफ मुठभेड़ में शामिल होने को लेकर सीआइडी को अनुसंधान में कोई साक्ष्य नहीं मिला. सबके खिलाफ सीआइडी ने अनुसंधान पूरा कर लिया है. साथ ही घटना में संलिप्तता को लेकर ठोस साक्ष्य नहीं मिलने पर केस में चारों के खिलाफ साक्ष्य की कमी दिखाते हुए न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट सौंप दी है.

नौ फरवरी 2018 को दर्ज हुआ था केस :

सीआइडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार मामले में नौडीहा बाजार के तत्कालीन थाना प्रभारी सबइंस्पेक्टर दयानंद शाह की लिखित शिकायत पर केस नंबर 08/18 के तहत नौ फरवरी 2018 को केस दर्ज हुआ था. केस में 17 उग्रवादियों और नामजद व अन्य 10-12 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था. सब पर पुलिस बल पर जानलेवा हमला करते हुए अंधाधुंध फायरिंग करने, अवैध हथियार, गोली और अन्य सामान बरामद होने होने का आरोप था.

अनुसंधान में पूर्व में महेश भोक्ता उर्फ जितन गंझू उर्फ गाजियन दा, राकेश भुईया उर्फ रामजी उर्फ सुरेश भुईया, रूबी कुमारी, रिंकी कुमारी उर्फ रिंकू कुमारी एवं अप्राथमिकी अभियुक्त लल्लू यादव उर्फ लल्लू कुमार को मृत दिखाते हुए तथा प्राथमिकी अभियुक्त राजेश यादव, राजेंद्र भुईया, श्रीबम बैगा उर्फ छोटू बैगा उर्फ सेवम, इनरमिल कुमारी उर्फ उर्मिला कुमारी, गीता कुमारी, मंजू कुमारी उर्फ पिंकी, दीपक गंझू उर्फ दीपक भोक्ता उर्फ रामधनी गंझू, विमल यादव उर्फ गणेश यादव और योगेंद्र भुईया के खिलाफ उग्रवादी होने, फायरिंग करने और आर्म्स एक्ट के तहत चार अप्रैल 2018 को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया गया था.

पहले भी सीआइडी की जांच में मिलते रहे हैं निर्दोष

चाईबासा के छोटा नगरा थाना क्षेत्र में वर्ष 2011 में निर्दोष मंगल होंनहांगा को नक्सली बताकर उसकी हत्या कर दी गयी थी. लेकिन सीआइडी अनुसंधान में वह निर्दोष निकला. इसी तरह वर्ष 2020 में खूंटी के मुरहू में सीआरपीएफ ने जिस रोशन होरो को उग्रवादी समझ कर गोली मार दी थी, वह भी सीआइडी की जांच में निर्दोष निकला.

Posted By : Sameer Oraon

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