Jharkhand News: पलामू में पानी के लिए मचा हाहाकार, कोयल नदी के चुआड़ी से लोग बुझा रहे हैं प्यास
पलामू के मेदिनीनगर में जल संकट गहरा गया है. जल स्तर नीचे चले जाने के कारण उस क्षेत्र के चापानल भी जवाब दे चुके हैं. सबसे बुरा हाल कांदू मोहल्ला का है जहां, कोयल नदी में चुआड़ी खोदकर लोग पानी लाने को विवश है.
Jharkhand News: पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में जल संकट गहरा गया है. निगम क्षेत्र के कई ऐसे इलाके हैं, जो ड्राइजोन के रूप में चिन्हित हैं. जल स्तर नीचे चले जाने के कारण उस क्षेत्र के चापानल भी जवाब दे चुके हैं. ऐसी स्थिति में जलापूर्ति ही उनलोगों का सहारा बना है. निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 19 के कांदू मोहल्ला में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. जल स्तर नीचे जाने के कारण चापानल से पानी नहीं मिल रहा है.
जलापूर्ति का पाईप कुछ जगहों पर बिछा है, लेकिन वह सिर्फ दिखावे के लिए है. लोगों का यह दर्द है कि वर्ष 2005 में पाइप दो बिछाया गया, लेकिन अभी तक सिर्फ एक माह ही पानी मिला. वहीं देवी मंदिर व आसपास के इलाके में पाईप बिछाया ही नहीं गया. वार्ड पार्षद द्वारा प्रयास भी किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. जल संकट झेल रहे लोग पानी के जुगाड़ में भटकते रहते है. कोयल नदी में चुआड़ी खोदकर लोग पानी लाने को विवश है.
वही पीने का पानी पंपूकल या दो नंबर टीओपी के पास लगे स्टैंड पोस्ट से लाते है. लोगों का कहना है कि स्टैंड पोस्ट पर भी काफी भीड़ रहती है. पानी लेने के लिए लोग आपस में तू- तू , मैं- मैं करते है. जलापूर्ति का लाभ मिले इसके लिए सांसद, विधायक एवं नगर निगम के प्रतिनिधियों से भी प्रयास किया गया. काली मंदिर से देवी मंदिर तक पाइप बिछाने के लिए राशि भी उपलब्ध करायी गयी थी. लेकिन अड़चन के कारण पाइप नहीं बिछा.जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासनिक पहल नही हुई और न ही पेयजल व स्वच्छता विभाग गंभीर हुआ.
जल संकट से जुझ रहे है कांदू मोहल्ला के लोग
वार्ड पार्षद सुषमा कुमारी आहूजा ने बताया कि कांदू मोहल्ला के लोग वास्तव में जल संकट से जूझ रहे है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने जिस तरह जलापूर्ति के लिए पाइप बिछाया है उससे लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.पंपूकल से निचले इलाके में भी जलापूर्ति पर्याप्त नहीं होती है. काली मंदिर से देवी मंदिर तक पाइप नही बिछाया गया इस कारण भी लोगों को जलापूर्ति का लाभ नहीं मिल पाता है. इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास किया गया लेकिन निगम प्रशासन की उदासीन रवैया के कारण जलापूर्ति पाईप जोड़ने का कार्य पूरा नही हुआ. जल्द ही टैंकर से जलापूर्ति शुरू करायी जायेगी.
कांदू मोहल्ला के राजू जायसवाल का कहना है कि न तो पुरानी जलापूर्ति का लाभ मिला और न ही नयी जलापूर्ति योजना का. वर्षों से लोग जलापूर्ति का लाभ लेने के लिए परेशान है. विभागीय एवं प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह स्थिति बनी है.
वर्मा चौक निवासी प्रदीप गुप्ता का कहना है कि पंंपूकल नजदीक होने के बाद भी इस मोहल्ले के लोग प्यासे है. अपनी प्यास बुझाने के लिए कोयल नदी का दौड़ लगाते है. इस समस्या से कब छुटकारा मिलेगा. प्रशासन कब उनलोगों के दर्द को समझेगा.