मेदिनीनगर शहर का सबसे पुराना दुर्गा पूजा माना जाता है बंगीय दुर्गा बाड़ी का पूजा. यह पूजा इस वर्ष 109 साल में प्रवेश कर गया है. इसके पट सप्तमी की सुबह से ही खुल गया है. श्रद्धालु अब यहां प्रतिमा के दर्शन कर सकते है.
दुर्गा बाड़ी में यूं तो हर साल बंगाल से ढाक का बाजा आता है पर इस वर्ष विशेष रूप से बंगाल से ही महिला ढाकी बुलाया गया है. बंगाल से आई चार महिला ढाकियो को लेकर न सिर्फ आम जनों में बल्कि मीडिया में भी अच्छा खासा उत्साह है .
शहर में पंडालों के मामले में हमेशा चर्चा में रहने वाले साहित्य समाज का पूजा पंडाल इस वर्ष भी अपने आकर्षक साज सज्जा के लिए चर्चे में है, करीब एक महीना से इसका काम चल रहा था जो सप्तमी की सुबह पूरा हो गया है. श्रद्धालु के लिए पंडाल के गेट खोल दिए गए है. अब यहां घुमा जा सकता है.
शहर में भव्य पंडाल के लिए जाना जाने वाला एक और पंडाल बैरिया चौक का जीनियस क्लब का पंडाल भी इस बार काफी शानदार बनाया गया है. इसके निर्माण में भी एक महीने से ज्यादा समय लगा है. यह पंडाल भी बनकर तैयार है जिसका दर्शन किया जा सकता है.
हॉस्पिटल चौक का स्टूडेंट क्लब के पास पूजा आयोजन के लिए जगह बहुत छोटा है पर उसी में कुछ बेहतर करने की कोशिश की गई है. इस वर्ष स्टूडेंट क्लब मोर के आकार का पंडाल बनाया है जो देखने में अच्छा लग रहा है. यह पंडाल भी बनकर तैयार हो गया है.
पंडालों की बात करें तो इस वर्ष निमिया में बीएन कॉलेज के पास भी अच्छा पंडाल बनाया गया है. मुख्य पूजा स्थल हालांकि मंदिर के अंदर है, पर मंदिर के बाहरी हिस्से को पंडाल से ढक कर अच्छे से सजाया गया है. यह पंडाल भी बनकर तैयार हो गया है.
जय भवानी संघ कम स्पेस में बेहतर करने के लिए जाने जाते है. इस वर्ष भी बोरा और बांस के सामानों से बना पंडाल कुछ अलग ही दिख रहा है. इस वर्ष भी यह पंडाल लोगो का ध्यान खींचने में सफल होगा. यह पंडाल भी बनकर तैयार हो गया है. अयाजकों का मानना है की रात में लाइट जलने के बाद यह और भी आकर्षक दिखेगा.
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