Jharkhand News, Palamu News, हुसैनाबाद (जफर हुसैन) : पलामू जिले के पथरा गांव में सामाजिक परिवर्तन से बदलाव दिखने लगा है. यह बड़ा बदलाव विकास का द्योतक है. ग्रामीणों का वैचारिक, सामाजिक व आर्थिक विकास होगा, तो वे खुद संपन्न होंगे और गांव स्वावलंबी बनेगा. पलामू का पथरा झारखंड का 36वां गांव है, जो नशा मुक्त घोषित हुआ है. यह बातें मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहीं. वे आज पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के पथरा पंचायत भवन परिसर में स्थानीय लोगों को संबोधित कर रहे थे.
मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने ग्रामीणों द्वारा खुद से विकास किए जाने की सराहना की. साथ ही उन्हें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण खुद ऐसे बनें कि उन्हें बैसाखी की जरूरत नहीं हो. उन्होंने सेवा भाव से कार्य करने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि अध्यात्म की पहली सीढ़ी सेवा है. लोग ठान लें कि उन्हें सरकारी योजनाओं की कोई जरूरत नहीं है, तो खुद-ब-खुद विकास दिखने लगेगा. उन्होंने एक स्वच्छ ग्राम सभा के लिए लोगों को प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि ग्रामसभा में महिला, पुरुष, बच्चे आदि सभी लोग भाग लें और अपने गांव की विकास गाथा खुद लिखें. उन्होंने एक दूसरे पर विश्वास रखने और विकास एवं विचारों में गांठ नहीं आने देने की सीख दी.
मनरेगा आयुक्त ने मुख्य रूप से तीन चीजों पर विशेष बल देते हुए कहा कि ग्रामीण गांव में रहना शुरू करें. ग्रामसभा को अच्छा बनायें व उसके माध्यम से गांव को संगठित/एक करें और लोक शिक्षण का कार्य करें. इन तीन से गांव की प्रगति होगी और समस्याएं दूर होंगी. उन्होंने संस्कारयुक्त एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और देश व समाज के प्रति लोगों को जीने की जज्बा रखने पर बल दिया. उन्होंने पथरा के बच्चों की शिक्षा में बदलाव पर जोर देते हुए एक अच्छे शिक्षक देने की बातें कही, जो गांव में ही रहकर बच्चों को शिक्षा देंगे और उन्हें जगाने का कार्य करेंगे.
उन्होंने 29 अगस्त 2020 को अपने पहले आगमन को याद दिलाते हुए कहा कि उस दिन व्यक्ति एक दूसरे के लिए पीड़ादायी बातें बता रहे थे, लेकिन आज इनके मुख पर जो आभा दिख रही है उससे प्रतीत होता है कि काफी कुछ बदल गया है. पथरा के ग्रामीण श्रमदान के माध्यम से सफाई करने से लेकर सभी कार्य कर रहे हैं, यह उनके दायित्व के प्रति ईमानदार होना प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि जब तक शरीर में जान है, तब तक सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते रहें. बच्चों को भी ऐसा संस्कार दें, कि वह जीवन में अच्छे चीजों को आत्मसात करें.
पथरा के ग्रामीणों का जज्बा, उनकी लगन और उनके द्वारा अबतक किए गए प्रयास की सराहना करते हुए उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि पलामू जिला का पथरा गांव दूसरे गांव के लिए प्रेरणा स्रोत है. यहा के ग्रामीणों ने खुद इतनी मेहनत की है कि सरकार भी यहां के लिए कुछ और नया और अलग करने की सोच रही है. सरकार की सभी विकास योजनाएं यहां पहुंच रही हैं, ताकि यह विकसित गांव बन सके.
हुसैनाबाद अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि पथरा गांव में सकारात्मक एवं नई सोच का संचार हुआ है, जिससे यह गांव आगे बढ़ रहा है. पूर्व की स्थिति और वर्तमान में परिवर्तन दिखा है. यह लोगों की बौद्धिक विकास का परिणाम है. इस गांव में कोई नि:स्वार्थ शिक्षा देने का काम कर रहा है, तो कोई श्रमदान कर साफ-सफाई सहित अन्य विकासात्मक कार्य में अपनी भूमिका अदा कर रहा है. यहां के लोग सरकार पर निर्भर नहीं हैं. अपनी बौद्धिक विकास से क्षेत्र का भौतिक विकास करने में जुटे हैं.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हुसैनाबाद के प्रखंड विकास पदाधिकारी जयबिरस लकड़ा ने कहा कि मनरेगा आयुक्त द्वारा बीजारोपण के बाद से पथरा गांव में बदलाव दिख रहा है. यहां के लोगों में जो सकारात्मक सोच पनपी है, इससे गांव का निरंतर विकास होगा. जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला ने कहा कि मनरेगा आयुक्त के मार्गदर्शन के बाद सीएसओ मृत्युंजय ने दिन रात मेहनत कर पथरा के लोगों को राह दिखायी. सीएसओ मृत्युंजय ने भी अपनी बातें रखीं कि कैसे उन्होंने पथरा के ग्रामीणों को मोटिवेट किया, जिससे 5 माह में ही गांव में इतना बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है.
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इसके पूर्व पथरा के ग्रामीण वीरेंद्र सिंह, महावीर पासवान, रामराज पासवान, विजय पासवान, नरेश पासवान सहित कई पुरुष एवं महिलाओं ने अपने गांव में बदलाव से संबंधित जानकारी दी और उसके सकारात्मक परिणाम से मनरेगा आयुक्त सहित अन्य पदाधिकारियों को अवगत कराया. कार्यक्रम का संचालन नरेश पासवान उर्फ गुड्डू आर्या ने किया.
मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर व अन्य पदाधिकारियों ने पथरा गांव के दक्षिणी टोला में सुरेश राम की पत्नी कुंती देवी की खेत में दीदीबाड़ी योजना की भी शुरुआत की. साथ ही बाड़ी में नींबू का पौधरोपण किया. मनरेगा आयुक्त ने कुंती देवी को बाड़ी का ठीक से घेराव करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि बाड़ी में लगी सब्जियों को मवेशी बर्बाद न करें, इसके लिए ठीक से घेराव करना सुनिश्चित करें. साथ ही यहां उगाये जा रहे सब्जियों को घर में इस्तेमाल करने और ज्यादा मात्रा में होने पर उसे बाजारों में बेचकर आर्थिक मुनाफा कमाने की प्रेरणा दी.
Posted By : Guru Swarup Mishra