Jharkhand: घने जंगल और जानवरों के बीच रात गुजार सकेंगे सैलानी, बेतला नेशनल पार्क पलामू में बना मड हाउस
मड हाउस बेतला नेशनल पार्क के मुख्य द्वार से करीब चार किमी दूर स्थित है. इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. इनकी बुकिंग अभी ऑफलाइन ही हो रही है. सैलानी अक्सर ऐसे विश्रामगृह में रात बिताने की इच्छा जाहिर करते थे, जो खुले जंगल के बीच हो.
बेतला नेशनल पार्क में आनेवाले सैलानी अब घने जंगल के बीच और जंगली-जानवरों के करीब रात गुजार सकेंगे. सैलानियों को शांत जंगली वातावरण का वास्तविक एहसास दिलाने के उद्देश्य से पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बक्सा मोड़ पर मड हाउस (मिट्टी के घर) का निर्माण कराया है.
यह जगह बेतला नेशनल पार्क के मुख्य द्वार से करीब चार किमी दूर स्थित है. मड हाउस को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. हालांकि, इनकी बुकिंग अभी ऑफलाइन ही हो रही है. दरअसल, बेतला आनेवाले देश-विदेश के सैलानी अक्सर ऐसे विश्रामगृह में रात बिताने की इच्छा जाहिर करते थे, जो खुले जंगल के बीच हो. इसे देखते हुए पीटीआर प्रबंधन ने जंगल के बीच तीन मड हाउस और ट्री हाउस बनाने का निर्णय लिया था.
पिछले कुछ महीने से युद्धस्तर पर काम कर तीनों मड हाउस को तैयार कर लिया गया. बेहद वास्तविक रूप देने के लिए मड हाउस की दीवारों पर सुंदर चित्रकारी की गयी है. पास ही कृत्रिम फव्वारा लगाया गया और अन्य इंतजाम भी किये गये हैं. हाल ही में रेस्क्यू कर लाये गये दो दर्जन से अधिक मोर को मड हाउस के आसपास छोड़ा गया है, जो आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. यहां से लोग सूर्योदय और सूर्यास्त मनोरम दृश्य देख सकेंगे.
सुनायी देंगी जंगली जानवरों की आवाजें :
पीटीआर प्रबंधन का कहना है कि मड हाउस को इस तरह तैयार किया गया है, ताकि इनमें ठहरनेवाले सैलनियों ऐसा लगे, जैसे वे घने जंगल के बीच किसी मिट्टी के घर में रात गुजार रहे हैं. आसपास के जंगली जानवरों की आवाजें भी उन्हें साफ सुनायी देंगी. जिस जगह पर मड हाउस बनाया गया है, वहां अक्सर जंगली हाथियों का आगमन होता है.
वहीं, अन्य जंगली जानवर भी यहां से होकर गुजरते रहते हैं. कुछ वर्ष पहले एक बाघिन लंबे अरसे तक इसी इलाके में रही थी. वन विभाग ने जंगली जानवरों से सैलानियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये हैं.
लोगों को ज्यादा से ज्यादा वास्तविक अनुभव कराने का प्रयास किया गया
पर्यटकों की मांग पर बक्सा मोड़ पर मड हाउस का निर्माण कराया गया है. भविष्य में पीटीआर के पर्यटन स्थलों के करीब कई और मड हाउस में बनाये जायेंगे.
– कुमार आशुतोष, फिल्ड डायरेक्टर, पीटीआर