पाया धंसने से जिंजोई नदी पुल के धराशायी होने का खतरा
पुल के दोनों तरफ लगाया गया चेतावनी का बोर्ड
पाटन. प्रखंड के कसवाखांड़ व बांसाबार के जिंजोई नदी का पुल कभी भी धराशाई हो सकता है. इस पुल का निर्माण करीब 11 वर्ष पहले हुआ था. स्वीकृति तत्कालीन विधायक सुधा चौधरी द्वारा दिलायी गयी थी. उनके द्वारा ही शिलान्यास किया गया था. 2014 में तत्कालीन विधायक द्वारा पुल का उद्घाटन भी कर दिया गया. लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद नदी में बाढ़ आयी और पुल का एक पाया (पिलर) धंस गया. जिससे पुल पर आवागमन बंद कर दिया गया. जिसके बाद पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल भी उठाया था. इसके बाद संवेदक की नींद खुली. आनन-फानन में उसे ठीक कराया. ग्रामीणों की मानें, तो संवेदक द्वारा बड़ी मशीन मंगवा कर तत्काल पुल के धंसे हुए पाया को उठवा दिया गया. लेकिन पिछले शुक्रवार व शनिवार की लगाता बारिश से जिंजोई नदी में बाढ़ आयी. जिससे वह पाया पुन: धंस गया. पुल का पाया धंसने से ग्रामीण भयभीत हैं. उनका कहना है कि पुल कभी भी धंस सकता है. जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है. अगर भारी वाहन सड़क से पार होगा, तो पुल का धंसना निश्चित है. नावाजयपुर थाना प्रभारी कमल किशोर पांडेय ने क्षतिग्रस्त पुल पर सावधानी पूर्वक आने-जाने की अपील की है. इसे लेकर पुल को दोनों तरफ चेतावनी का बोर्ड भी लगाया गया है.
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