जेजेएमपी के आपसी झगड़े में 5 लाख के इनामी जोनल कमांडर गणेश लोहरा समेत दो उग्रवादियों की मौत
पलामू जिले के पांकी में उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के जोनल कमांडर और सबजोनल कमांडर के बीच पैसे और हथियार को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गये. सबजोनल कमांडर छोटेलाल और सुनेश उरांव ने जोनल कमांडर गणेश लोहरा समेत दो उग्रवादियों को मौत के घाट उतार दिया.
झारखंड के पलामू जिले के पांकी में झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के आपसी झगड़े में पांच लाख रुपये के इनामी जोनल कमांडर गणेश लोहरा समेत दो उग्रवादियों की मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि जेजेएमपी के सबजोनल कमांडर छोटेलाल व सुनेश उरांव ने इस घटना को अंजाम दिया है. पूरा विवाद लेवी के पैसे व हथियार को लेकर हुआ. बात इतनी बढ़ गयी कि आपस में ही उन्होंने गोलीबारी कर ली. इसमें दो उग्रवादियों की मौत हो गयी.
पांकी थाना क्षेत्र के होटाई गांव में जेजेएमपी उग्रवादियों की बैठक में लेवी के पैसे व हथियार को लेकर हुए विवाद में चली गोली में दो उग्रवादी मारे गये. मारे गये उग्रवादियों में जोनल कमांडर गणेश लोहरा व संतोष यादव शामिल हैं. जोनल कमांडर गणेश लोहरा पांच लाख का इनामी था. वह पांकी थाना क्षेत्र के ताल गांव का रहनेवाला था. उसकी पत्नी ताल पंचायत की मुखिया है. जबकि संतोष यादव गढ़वा जिला के रमकंडा थाना क्षेत्र के मंगराही गांव का रहनेवाला था. संतोष यादव 10-12 वर्षों से जेजेएमपी से जुड़ा था.
गुरुवार की रात को करमाहा टोला में हो रही थी बैठक
ग्रामीणों के अनुसार, उग्रवादी गुरुवार की रात होटाई गांव के करमाहा टोला स्थित चबूतरा के पास बैठक कर रहे थे. इसी क्रम में लेवी के पैसा व हथियार को लेकर विवाद शुरू हो गया. तभी दूसरे गुट के छोटेलाल यादव ने जोनल कमांडर गणेश लोहरा उर्फ विकास व संतोष यादव पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिससे संतोष यादव ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया.
गणेश लोहरा का शव छोड़कर भागे सहयोगी
गणेश लोहरा ने अस्पताल ले जाने के क्रम में मनिका के पास दम तोड़ दिया. इसके बाद उसके सहयोगी रास्ते में ही शव फेंककर भाग गये. पुलिस ने मनिका थाना क्षेत्र के बिरहा जंगल से गणेश लोहरा का शव बरामद किया. संतोष यादव का शव घटनास्थल से कुछ दूर राजेंद्र उरांव की चहारदीवारी के पास से बरामद किया गया. शुक्रवार को चरवाहा ने शव मिलने की जानकारी गांव में दी. इसके बाद चौकीदार ने पांकी थाना पुलिस को घटना की सूचना दी.
छोटेलाल व सुनेश उरांव हथियार लेकर गढ़वा भागे
बताया जाता है कि घटना के बाद नक्सली छोटेलाल यादव व सुनेश उरांव हथियार लेकर गढ़वा में प्रवेश कर गये. सब जोनल कमांडर छोटेलाल यादव संगठन से निकाले जाने से नाराज था. उसने इसी का बदला लिया है. पुलिस के अनुसार सब जोनल कमांडर छोटेलाल यादव व उमेश उरांव ने घटना को अंजाम दिया है. घटना के बाद उग्रवादी फरार हो गये. ग्रामीणों के अनुसार उग्रवादियों के पास एके 47 सहित कई आधुनिक हथियार थे. पुलिस को सूचना मिली है कि घटना में एक और उग्रवादी की मौत हुई है. पुलिस उस तीसरे उग्रवादी के शव की तलाश में जुटी है.