झामुमो ने निकाला झारखंडी अधिकार मार्च
जिलाध्यक्ष बोले, केंद्र छीन रहा झारखंडवासियों का अधिकार
मेदिनीनगर. झारखंड मुक्ति मोर्चा पलामू इकाई ने शुक्रवार को झारखंडी अधिकार मार्च निकाला. नेतृत्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिन्हा कर रहे थे. जिला कार्यालय से निकला मार्च छहमुहान, बाजार क्षेत्र होते हुए कचहरी पहुंचा. इसमें शामिल नेता-कार्यकर्ता केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. मौके पर जिलाध्यक्ष श्री सिन्हा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार झारखंडवासियों का हक-अधिकार छीनने में लगी हुई है. यह सरकार झारखंड का विकास व यहां के निवासियों की उन्नति नहीं चाहती है. यही वजह है कि अलग झारखंड बनने के बाद करीब 20 वर्षों तक विकास के नाम पर लूट मचायी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन सरकार को अस्थिर करने का हर संभव प्रयास किया. झारखंड को रॉयल्टी मद की राशि भाजपा नहीं देना चाहती थी. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंडवासियों के हक-अधिकार को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार से लड़ाई लड़ी. इसके बाद केंद्र सरकार ने झारखंड के हिस्से का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपया निर्गत किया. जिलाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने शुरू से ही झारखंड की उपेक्षा की है. झामुमो ने अलग राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. अब झारखंड को सजाने-संवारने में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगे हुए हैं. केंद्रीय समिति सदस्य सुनील तिवारी, जिला उपाध्यक्ष कमला खां, राकेश सिन्हा, अविनाश देव, जिला सचिव सन्नु सिद्दीकी, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सन्नी शुक्ला,रं जीत जायसवाल ने राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनायी. सरना धर्मकोड व 1932 का खतियान झारखंड में लागू करने की मांग केंद्र सरकार से की. मार्च में असफर रब्बानी, रमेश सिंह, रंजन चंद्रवंशी, अनुराग प्रताप सिंह, विवेक सिंह, हाजी शमीम, आशुतोष विनायक, देवानंद भारद्वाज, फजायल अहमद, मन्नत सिंह बग्गा, रजिया नेयाजी, कौशल किशोर, सौरभ पाठक, संजय तिवारी सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे.
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