कोयल रिवर फ्रंट पलामू की जनता को आज होगा समर्पित, दिल्ली के सूफी गायक बांधेंगे समां,बनारस के पंडित करेंगे आरती

मेदिनीनगर का मरीन ड्राइव अब बेहतरीन साज सज्जा के साथ 23 अप्रैल को जब जनता को समर्पित होगा तो यह कोयल रिवर फ्रंट के नाम से जाना जाने लगेगा. बनने के समय से ही यह मरीन ड्राइव इसके निर्माण शैली को लेकर चर्चा में आ गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2023 8:36 AM
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सैकत चटर्जी, पलामू. 23 अप्रैल की शाम पलामू के लिए यादगार होने जा रही है. इसी दिन शाम को सिर्फ पलामू ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के लिए चर्चा का विषय बना मरीन ड्राइव यानी कोयल रिवर फ्रंट जनता को समर्पित किया जायेगा. इस उद्घाटन समारोह को भव्य बनाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है.

चर्चा में रहने के खास कारण

मेदिनीनगर का मरीन ड्राइव अब बेहतरीन साज सज्जा के साथ 23 अप्रैल को जब जनता को समर्पित होगा तो यह कोयल रिवर फ्रंट के नाम से जाना जाने लगेगा. बनने के समय से ही यह मरीन ड्राइव इसके निर्माण शैली को लेकर चर्चा में आ गया. यूं तो मेदिनीनगर की कोयल नदी का किनारा पहले से ही अपनी प्राकृतिक छटा के कारण खूबसूरत था, पर जब मेदिनीनगर नगर निगम ने इस पर मरीन ड्राइव निर्माण कार्य शुरू किया तो यह चर्चा में आ गया. इसकी निर्माण शैली किसी भी बड़े शहर को टक्कर देने जैसी है.

मेयर का ड्रीम प्रोजेक्ट है कोयल रिवर फ्रंट

इसके चर्चा में होने के एक कारण यह भी है कि इसे मेयर अरुणा शंकर का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जाता है. अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही इसे लेकर मेयर काफी संजीदा रहीं और समय-समय पर इसका कायाकल्प होता रहा, पर मेयर के रूप में अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में उन्होंने अपना ट्रंप कार्ड खेला और इसके निर्माण में सारी ताकत झोंक दी, इसे शानदार रूप दे दिया. खास कर मरीन ड्राइव से कोयल रिवर फ्रंट के बदलने का क्रम काफी सुखद रहा और शहर के लोग इस बदलाव के साक्षी बने.

कोयल रिवर फ्रंट पलामू की जनता को आज होगा समर्पित, दिल्ली के सूफी गायक बांधेंगे समां,बनारस के पंडित करेंगे आरती 2

प्रारम्भिक दौर में विरोधियों के निशाने पर रहा यह प्रोजेक्ट

इसके चर्चा में रहने के एक कारण यह भी रहा की मरीन ड्राइव से कोयल रिवर फ्रंट बनने के प्रारंभिक दौर में यह प्रोजेक्ट मेयर के विरोधियों के निशाने पर रहा और इसके निर्माण की बुराइयों पर जमकर बवाल काटा गया, पर जैसे जैसे इसका निर्माण कार्य आगे बढ़ता गया इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई और विरोधी चुप्पी साध ली. पर इस आरोप प्रत्यारोप के बीच पूरा प्रोजेक्ट चर्चे में आ गया.

देश में गिने चुने शहरों में शामिल हुआ मेदिनीनगर

इस प्रोजेक्ट के कारण मेदिनीनगर अपने शहर के नदी तट को सजाकर जनता को समर्पित करने वाले देश के चुनिंदा शहर में शामिल हो गया. कोयल नदी का विशाल तट और इसका बनावट इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा दिया.

स्वच्छ गंगा मिशन प्रोजक्ट में शामिल हो बटोरी सुर्खी

इसी बीच मेयर अरुणा शंकर और सांसद बीडी राम के कोशिश से इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार के स्वच्छ गंगा मिशन में शामिल कर लिया गया. इसे अयोध्या के गंगा तट के समान सजाने और कोयल नदी पर मिनी चेक डैम बनाकर पेयजल की किल्लत दूर करने के प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिलने के बाद यह और चर्चे में आ गया.

रिकॉर्ड समय में हुआ बनकर तैयार

जबकि झारखंड में अधिकतर प्रोजेक्ट निर्धारित समय सीमा के बाद पूरे होते हैं, पर कोयल रिवर फ्रंट का काम संवेदक द्वारा रिकार्ड समय में पूरा कर दिया गया. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 24 माह का समय तय किया गया था पर रांची के नवजीवन कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा इसे पांच महीना और 27 दिन में ही पूरा कर लिया गया. इसके लिए मेयर के नेतृत्व में निगम को टीम प्लानिंग के तहत काम किया.

अब जानिए उद्घाटन समारोह में क्या खास होगा

23 अप्रैल को कोयल रिवर फ्रंट के उदघाटन समारोह को ऐतिहासिक और यादगार बनाने के लिए प्लानिंग की गई है. शाम छह बजे बनारस के पंडितों के द्वारा गंगा आरती के बाद 101 नारियल फोड़ कर शहर के प्रबुद्ध नागरिक व अधिकारीगण इसका उदघाटन करेंगे. इसके बाद दिल्ली व मुंबई के मशहूर सूफी गायकों की टीम के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा. जो देर रात तक चलेगी.

जानिए कहां बैठना है और कहां गाड़ी पार्क करनी है

चूंकि यह अपने तरह का अनूठा प्रोग्राम होगा और दर्शकों के लिए नि:शुल्क होगा. इसलिए करीब 20000 लोगों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है. मुख्य कार्यक्रम का मंच नदी के बीचोंबीच बालू पर बना है, जो सामने की तीन तरफ से खुला है. इसलिए पूरी नदी और नदी तट से कही से भी कार्यक्रम देखा जा सकता है. विशिष्ट अतिथियों के बैठने के लिए मंच के सामने नदी तट पर बैठने का इंतजाम है जबकि अन्य लोग कहीं भी बैठ सकते हैं. पहले आओ पहले बैठो की तर्ज पर लोग सीट पा सकते हैं. नदी तट तक गाड़ी लाने की अनुमति नहीं होगी. जिला स्कूल के मैदान व शिवाजी मैदान में गाड़ी पार्क की जा सकेगी.

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