पिकअप वाहन पलटने से एक मजदूर की मौत, सात घायल
कंपनी के अधिकारी ने दिया तीन लाख, तब छह घंटे के बाद उठा शव
मेदिनीनगर/पड़वा. पलामू जिले के लोहड़ा हाइस्कूल के पास एनएच-75 पर एक पिकअप वाहन के अनियंत्रित होकर पलटने से 50 वर्षीय मजदूर कोमल महतो की मौत हो गयी. जबकि डोमन साव, वीरेंद्र साव सहित सात मजदूर घायल हो गये. घटना शुक्रवार की सुबह करीब 9.20 बजे की बतायी जाती है. सूचना मिलने के बाद पड़वा बीडीओ व थाना प्रभारी दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. शव को उठाने का प्रयास किया. लेकिन स्थानीय लोगों ने मुआवजा की मांग को लेकर शव के साथ सड़क जाम कर दिया. हालांकि बीडीओ व पुलिस पदाधिकारी के समझाने के बाद लोगों ने सड़क जाम तत्काल हटा लिया, लेकिन शव को उठाने नहीं दिया. वहीं स्थानीय लोगों ने घायलों को मेदिनीनगर एमएमसीएच भेजा. जहां दो मजदूर की स्थिति गंभीर बतायी जाती है. जानकारी के अनुसार पिकअप वाहन (डब्ल्यूबी33बी-4269) फोरलेन सड़क निर्माण कार्य के लिए मजदूरों को लेकर जा रहा था. उस पर लोहा व लकड़ी के अलावा 10 से 15 मजदूर सवार थे. स्थानीय लोगों ने बताया कि मजदूर भारत वाणिज्य कैंप से मेदिनीनगर की ओर कार्य करने जा रहे थे. लेकिन तेज गति होने के कारण वाहन अनियंत्रित होकर पेड़ में टक्कर मारने के बाद पलट गया. मजदूरों ने बताया कि वाहन पलटने के बाद लोहा व लकड़ी के कारण गंभीर चोट लगी. जिसके कारण कोमल महतो की मौत घटनास्थल पर हो गयी. वहीं अन्य मजदूर चोटिल हो गये. दुर्घटना के बाद चालक फरार हो गया. घटना की सूचना मिलने के बाद मृतक कोमल महतो के परिजन व उसके गांव तेलियाही सहित आसपास के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचकर हंगामा करने लगे. पांच लाख मुआवजा की मांग को लेकर पुलिस को शव उठाने से रोक दिया. तब बीडीओ ने कंपनी के अधिकारियों को बुलाया. भारत वाणिज्य के अधिकारी प्रकाश सिंह ने मृतक के परिजन को तत्काल तीन लाख रुपये दिया. तब करीब छह घंटे बाद पुलिस ने शव को उठाकर पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीनगर भेजा. हालांकि इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के प्रयास से आवागमन प्रभावित नहीं रहा. घटनास्थल पर पड़वा थाना प्रभारी चंद्रशेखर यादव, अंचल अधिकारी हलधर सेठी, बसपा प्रदेश अध्यक्ष राजन मेहता सहित कई लोग मौजूद थे. सामग्री के साथ मजदूरों को ढोने का आरोप स्थानीय लोगों का कहना था कि फोरलेन का कार्य करा रही भारत वाणिज्य कंपनी मजदूरों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतती है. माल ढुलाई के साथ मजदूर की ढुलाई सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है. वाहन पर लोहे का रॉड, जंजीर व लकड़ी के बोटा नहीं होता, तो चोट नहीं लगती. न ही जान-माल की क्षति होती. दुर्घटनाग्रस्त वाहन का इंश्योरेंस था फेल स्थानीय लोगों ने एम वाहन एप से देखकर पता किया, तो पता चला कि जो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, उसका इंश्योरेंस फेल है.
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